मंगलवार, 26 जुलाई 2011

दिग्गी के मिशन यूपी की सफलता संदिग्ध

दिग्गी के मिशन यूपी की सफलता संदिग्ध

बहुगुणा और मुलायम की राह पर हैं दिग्विजय ंिसंह

सूबों पर आधारित होता है दिग्गी का एजेंडा

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस के ताकतवर महासचिव राजा दिग्विजय ंिसंह द्वारा मिशन यूपी के लिए कमर कसी जा चुकी है। अपने बयानों से सदा ही चर्चाओं और विवादों रहने वाले कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह एक तरफ हिन्दु वोट बैंक को साधने की जुगत लगा रहे हैं, वहीं दूसरी और उनकी नजर कांग्रेस के हाथ से फिसलते मुस्लिम वोट बैंक पर भी है। हेमवती नंदन बहुगुणा और मुलायम सिंह यादव की तर्ज पर राजा दिग्विजय ंिसंह मिशन यूपी को परवान चढ़ाने में लग गए हैं।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह ने अल्पसंख्यकों को साधने की गरज से इन हमलों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हाथ होने का अप्रत्यक्ष आरोप मढ़ दिया था। दिग्गी का यह तीर उल्टा ही लगा। कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के इस बयान से मुस्लिम तो ज्यादा प्रसन्न नहीं हो सके, उल्टे हिन्दु वोट बैंक जरूर कांग्रेस से दूरी बनाने लग गया।

इस बयान के बाद हिन्दुओं को लुभाने के लिए राजा दिग्विजय ंिसंह ने महाकाल की नगरी उज्जैन जाकर अपना अलग रूप दिखाया। ललाट पर तिलक और कर्मकाण्डी अंदाज में राजा ने खूब वाहवाही बटोरी। ठाकुर राजघराने के सदस्य राजा दिग्विजय सिंह ने दस साल तक मध्य प्रदेश पर राज किया है। उनके बाद सत्ता पर उमा भारती, बाबू लाल गौर और अब शिवराज सिंह काबिज हैं, पर सरकारी मशीनरी आज भी उनके ही इशारों पर मुजरा कर रही है। उज्जैन में जो हुआ वह उन्हें पहले से ही जतला दिया गया था। अफसरान की चेतावनी के बाद भी राजा वहां गए। भाजपा और कांग्रेस में जूतम पैजार हुई, निचले कार्यकर्ता पिटे कुटे। राजा का अपना हिडन एजेंडा सफल रहा।

हिन्दु और मुस्लिम वोट बैंक को साधने में लगे दिग्विजय ंिसंह के कदम ताल देखकर हेमवती नंदन बहुगुणा की याद ताजा हो जाती है, जिन्होंने सवर्ण और मुस्लिम वोट बैंक को एक साथ साधा। फिर उसका अनुसरण किया मुलायम सिंह ने। मुलायम ने मुस्लिमों के साथ यादव वोट बैंक को साध रखा था। अब दिग्विजय ंिसंह द्वारा बेनी वर्मा को कैबनेट मंत्री बनवाकर ओबीसी तो अजीत सिंह से पींगे बढ़ाकर जाट वोट बैंक को कांग्रेस के खाते में गिराने का प्रयास किया जा रहा है। रही बात यूपी के ठाकुरों की तो उसके लिए तो वे खुद ही काफी माने जा रहे हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह का खेल निराला है, वे राज्यों के हिसाब से अपनी रीति नीति और एजेंडे का निर्धारण करते हैं।

1 टिप्पणी:

S.N SHUKLA ने कहा…

जो भूमिका शकुनी ने महाभारत पर्व में निभाई थी ,वही भूमिका दिग्विजय कांग्रेस के लिए निभा रहे हैं , एक बात और " मूरख को मुख बम्ब है निकसत वचन भुअंग, सुन्दर प्रस्तुति