दिग्गी ने भरा भाजपा का रीता तरकश
यूपी में चुनावी वैतरणी होगी दिग्गी के कसैले मुख बाणों से
भाजपा का खाली हो चुका तुणीर लग रहा है हरा भरा
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हुए हालिया हमलों के बाद कांग्रेस के महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के बयानों से भाजपा काफी उत्साहित नजर आ रही है। अब भाजपा के उत्तर प्रदेश चुनावों में वोटों के ध्रुवीकरण के मार्ग काफी प्रशस्त होते दिख रहे हैं। अनचाहे में ही कांग्रेस महासचिव ने भाजपा के खाली तुणीर को जहर बुझे तीरों से भर दिया है। राजा ने भले ही संघ पर आक्रमण की गरज से कहा हो कि मुंबई हमले में आरएसएस का हाथ होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है, किन्तु इस मामले को भाजपा ने हिन्दु वोटों को संगठित करने का जरिया मान लिया है।
एआईसीसी मुख्यालय 24 अकबर रोड़ के अंदरखाते से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो चतुर सुजान कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के बयान पर अंदर ही अंदर तलख प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। कांग्रेस के अंदर हिन्दुत्व के आलंबरदार कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के बयान को दूसरी तरह से ले रहे हैं। उनका मानना है कि सवर्ण हिन्दु वोट बैंक जो भाजपा से टूटकर एक बार कांग्रेस की झोली मंे आने वाला था, वह अब राजा के इस बयान से फिर कांग्रेस से पर्याप्त दूरी बना सकता है।
कांग्रेस के कुछ रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह का यह बयान उत्तर प्रदेश के चुनावों में मतदाताओं को एक बार फिर साम्प्रदायिक आधार पर विभाजित कर देगा। वैसे भी सोनिया और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह की ज्यादा दखलंदाजी से अनेक कांग्रेसी नाराज दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बेनी वर्मा को कबीना मंत्री बनाए जाने पर भी अनेक नेता असहज ही महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यूपी में ओबीसी वोट बैंक को लुभाने के दिग्गी राजा के तौर तरीकों पर भी खुलकर मतभेद सामने आते जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि 44 सालों मंे अर्थात 1967 के बाद ओबीसी ने यूपी में कभी भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया है। इन परिस्थितियों में बेनी वर्मा को प्रमोट करने का ओचित्य समझ से परे ही है।
उत्तर प्रदेश मंे ओबीसी को लुभाने बेनी वर्मा की पदोन्नति के बाद मुंबई हमलों में आरएसएस का हाथ होने की संभावनाओं वाले दिग्विजय सिंह के बयानों ने कांग्रेस में हलचल मचा दी है। कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (सोनिया के सरकारी आवास) एवं 12 तुलगल लेन (राहुल के सरकारी आवास) के सबसे विश्वस्त होने के कारण कांग्रेसी खुलकर तो कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं, किन्तु कांग्रेस के अंदरखाने में दिग्गी विरोधी स्वर मुखर होते जा रहे हैं।
1 टिप्पणी:
यह भी सुन्दर , एक सच्चे पत्रकार के उदगार , आभार
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