शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

मंहगाई पर सत्ता विपक्ष की नूरा कुश्ती


मंहगाई पर सत्ता विपक्ष की नूरा कुश्ती

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मंहगाई के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की मांग पर की गई बहस में बुधवार को भोजनावकाश के उपरांत सदन पूरी तरह खाली रहा। जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा कमर तोड़ मंहगाई पर जनता का पक्ष रखने के बजाए भोजन करने के बाद आराम करना उचित समझा। भाजपा के मुख्य वक्ता यशवंत सिन्हा ही संसद के सेकन्ड हॉफ मंे गायब रहे।

गौरतलब है कि मंहगाई के मसले पर प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा तारीख पर तारीख ही दी जाती रही है। इसके बाद भी मोटी तनखा और अन्य सुख सुविधाएं पाने वाले विपक्ष ने इस मामले में अपना मुंह खोलना मुनासिब नहीं समझा। इस बार संसद के सत्र में लोकपाल बनाम जनलोकपालसबसे अहम मुद्दा था। भाजपा पर आरोप है कि जनता का ध्यान भटकाने के लिए उसके द्वारा मंहगाई का मुद्दा उछाल दिया गया।

जब मंहगाई पर बहस का मामला आया तो विपक्ष ने भी इससे पल्ला झाड़ लिया। यद्यपि भाजपा के यशवंत सिन्हा का कहना था कि करारोपड़ के कारण ही मंहगाई बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर शरद यादव द्वारा प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लिया गया। सपा बसपा ने भी सरकार को तबियत से कोसा पर सदन की पहली पाली में ही। दूसरी पाली में सदन पूरी तरह रीता ही नजर आया।

उल्लेखनीय होगा कि प्रधानमंत्री राज्य सभा से चुनकर आए हैं, इस नाते मतदाताओं के प्रति उनकी सीधी जवाबदेही नहीं है। यही कारण है कि देश के सबसे ताकतवर संवैधानिक पद पर बैठे डॉ.मनमोहन सिंह हो मंहगाई के कारण होने वाले नुकसान और आम जनता की हालत से कोई सरोकार नहीं है।

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