उत्तराखण्ड के सैनिकों का सिर काट ले गयी पाक आर्मी
देहरादून से चन्द्रशेखर जोशी
जब सीमा पर शांति थी और पाक विदेश मंत्री दिल्ली में दोस्ती का पैगाम दे रही थी उस समय उत्तराखण्ड के सैनिकों का सिर काट कर ले जाने का नापाक काम पाकिस्तानी सेना कर रही थी, हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इस घटना की पुष्टि नहीं की और सैनिकों का शव उत्तराखण्ड में उनके घर लाये जाने पर अधिकारियों ने यह कहकर शव दिखाने से इंकार किया कि आतंकियों ने आरपीजी यानि राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड के हमले से जवानों के सिर उड गये थे,
यह समाचार सुर्खियों में है कि 30 जुलाई को कुपवाडा जिले में नियंत्रण रेखा पर स्थित फुरिकयान गली में जो घुसपैठ हुई थी वह सामान्य नहीं थी, उसमें आतंकियों के दल के साथ पाकिस्तानी सेना का कमांडो दस्ता था, इन्होंने घात लगाकर भारतीय सैनिकों पर हमला किया, इस हमले में कुमाऊ रेजिमेंट के हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी और लांस नायक देवेन्द्र सिंह शहीद हो गये, श्रीनगर में सेना के प्रवक्ता जेएस बरार ने इसे सामान्य घुसपैठ बताया था परन्तु भारतीय सैन्य कर्मियों के सिर काटे जाने की असलियत उनके अंतिम संस्कार के समय खुली, हालांकि उस समय भी सेना के अधिकारियों ने ग्रेनेड हमले में सिर उडने की बात कही थी, हमले में मारे गये दोनों सैन्य कर्मी उत्तराखण्ड के पिथौरागढ और हल्द्वानी के थे,
द्वाराहाट के पास स्थित असगोली निवासी जयपाल सिंह कुमाऊं रेजीमेंट में हवलदार था। शनिवार को वह कुपवाड़ा सेक्टर में मुठभेड़ में शहीद हो गया। जयपाल सिंह का परिवार हल्द्वानी हिम्मतपुर तल्ला में रहता है। हवलदार जयपाल सिंह का अगस्त के पहले हफ्ते यहां आने का प्रोग्राम था, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था, उसकी शहादत की सूचना आई। रविवार की दोपहर आर्मी हेड क्वार्टर जम्मू से आई मनहूस खबर के साथ ही असगोली में पूजा में शिरकत करने की तैयारी में जुटे अधिकारी परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा।
हवलदार जयपाल सिंह छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसका परिवार यहां हिम्मतपुर तल्ला में बड़ी बहन के मकान के पास रह रहा था। जयपाल के बड़े भाई हाइकोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार चंदन सिंह अधिकारी ने बताया कि उनके छोटे भाई नंदन सिंह अधिकारी इन दिनों पैतृक गांव असगोली में बैसी पूजा में बैठा है। नौ अगस्त को पूजा का समापन होना है। जयपाल को भी उसमें शामिल होना था। इसमें आने के लिए छुंट्टी को भी आवेदन कर दिया था।
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