सरकार नहीं रोक पाई रक्षा के उपक्रमों को
शिवराज नहीं मांग पाए डिफंेस यूनिवर्सिटी भी केंद्र से
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। देश के हृदय प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा केंद्र सरकार से दबाव बनाकर रक्षा के उपक्रमों को प्रदेश में रोकने में असफल रही है। वहीं दूसरी और सूबे के निजाम शिवराज सिंह चौहान द्वारा केंद्रीय रक्षा मंत्री से रक्षा विश्वविद्यालय तक की मांग करना मुनासिब नहीं समझा है। मध्य प्रदेश में बारूद बनाने के कारखाने को केंद्र सरकार द्वारा छीन ही लिया गया है।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार द्वारा इस साल के आरंभ में रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी से भेंट कर पंजाब में डिफेंस विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग की थी। इसके लिए पंजाब सरकार द्वारा मोहाली में 125 एकड़ भूमि भी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। आर्मी हेडक्वार्टर्स का एक दल मोहाली के सेक्टर 92 में 125 एकड़ जमीन का निरीक्षण भी कर चुका है। पंजाब सरकार द्वारा सूबे में नेवल विंग, एनसीसी और रीमाउंड एंड वैटनरी कार्पस स्कार्डन स्थापित करने की मांग भी की थी। मध्य प्रदेश में आर्मी के अच्छे बेस होने के बाद भी शिवराज सरकार द्वारा केंद्र से इस तरह की कोई मांग न किया जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। साथ ही मध्य प्रदेश के संसद सदस्यों द्वारा भी इस दिशा में ध्यान न देना भी शोध का ही विषय माना जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में रक्षा संस्थानों के लिए उपयोगी वातावरण है। इस समय जबलपुर, कटनी, सागर, इटारसी आदि में रक्षा विभाग के अनेक संस्थान कार्यरत हैं। सूत्रों ने आगे कहा कि चार साल पहले संसकारधानी जबलपुर में आयुध बोर्ड द्वारा एक बारूद फेक्ट्री खोलने का फैसला किया था, जो बाद में रद्द कर दिया गया है। वैसे तो आयुध बोर्ड द्वारा मध्य प्रदेश की आबोहवा को इस कारखाने के लिए उपयुक्त नहीं होना बताया जा रहा है। फिर भी सूत्रों का कहना है कि अगर मध्य प्रदेश के नीति निर्धारक सांसद विधायक इस मामले में जोर देते तो यह कारखाना जबलपुर में स्थापित होने की उम्मीद की जा सकती थी।
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