अण्णा के बहाने राहुल के महिमा मण्डन का प्रयास
टीम राहुल के प्रबंधकों ने फेंके पांसे
लगातार खामोश राहुल से बातचीत को अण्णा तैयार!
केजरीवाल ने किया खण्डन
मीडिया मैनेजमेंट में जुटी राहुल जुंडाली
मनमोहन की बिदाई चाहते हैं भ्रष्ट कांग्रेसी
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। लगता है प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की चला चली की बेला करीब आ ही गई है। टीम राहुल ने अब सधे कदमों से उनके प्रधानमंत्री बनने के मार्ग प्रशस्त कर दिए हैं। राहुल के मीडिया प्रबंधक अब ज्योतिषियांे द्वारा राहुल के बारे में की गई भविष्यवाणियों को मीडिया में उछलवा रहे हैं ताकि युवराज की ताजपोशी की जा सके। मीडिया में सोमवार को यह बात जमकर उछली कि अण्णा या तो पीएमओ या राहुल गांधी से बातचीत को तैयार हैं।
रामलीला मैदान पर जब यह खबर फैली तो अण्णा के एक समर्थक का कहना था -‘‘कौन है राहुल! दो बार का सांसद, बस। क्या वह प्रधानमंत्री या मंत्री है, या कांग्रेस का अध्यक्ष जो अण्णा उससे बातचीत को तैयार हो गए? यह तो राहुल गांधी को स्थापित करना हुआ। 16 अगस्त से लगातार खामोश राहुल गांधी से अण्णा को बात कतई नहीं करना चाहिए? अगर अण्णा एसा करते हैं तो माना जाएगा कि यह सब कुछ राहुल गांधी के महिमा मण्डन के लिए किया गया है।‘‘
उधर राजनैतिक विश्लेषक इस तीर को कांग्रेस के इक्कीसवीं सदी के चाणक्य दिग्विजय सिंह के जहर बुझे तीरों के तौर पर ले रहे हैं। उनका मानना है कि कुछ माह पहले परोक्ष तौर पर मनमोहन सिंह के उपर दिग्गी राजा ने प्रहार किए थे। इतना ही नहीं दिग्विजय ंिसंह ने तो साफ तौर पर कहा था कि अब वक्त आ गया है कि राहुल को शादी कर लेना चाहिए और देश संभालना चाहिए। अर्थात मनमोहन सिंह आप सिंहासन खाली करें युवराज अब राजकाज संभालने योग्य हो चुके हैं।
यूपीए की दूसरी पारी में जिस तरह लाखों करोड़ों रूपयों के घपले और घोटाले सामने आए इसके बाद जिन भ्रष्ट नेताआंे पर गाज गिरी इससे कांग्रेस के भ्रष्टों की फौज मनमोहन सिंह की बिदाई में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है। कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो दिल्ली की निजाम शीला दीक्षित की गरदन पर कामन वेल्थ गेम्स की तलवार लटक रही है, इसलिए उन्होंने भी अण्णा के अनशन को हवा देने का काम किया है, ताकि कुछ समय के लिए ही सही लोगों का ध्यान उनकी ओर से हट जाए।
कांग्रेस के शातिर मीडिया प्रबंधकों ने सोमवार को एक खबर प्लांट की कि अण्णा सिर्फ पीएमओ या राहुल गांधी से बातचीत को ही तैयार हैं। इस खबर ने कांग्रेस विशेषकर मनमोहन सिंह खेमे में खलबली मचा दी। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि यह खबर पीएम को भी नागवार गुजर रही है कि राहुल का इस तरह से महिमा मण्डन किया जा रहा है। पीएमओ के सूत्र हैरान है कि राहुल और आजाद भारत की कुंडली सालों से ज्योतिषियों के पास होने के बाद अचानक अण्णा के अनशन के दौरान राहुल के पीएम बनने की बात उठाना किस रणनीति का हिस्सा है? सूत्रों ने कहा कि रामदेव प्रकरण और इस बार 16 अगस्त से लगातार खामोश राहुल से बातचीत की पेशकश अवश्य की गई होगी किन्तु जनता इसे पचा नहीं पाएगी।
उधर अण्णा के अर्जुन की अघोषित उपाधि पाने वाले अरविंद केजरीवाल ने इस बात का खण्डन किया है कि अण्णा सिर्फ पीएमओ या राहुल से बात करने को राजी है। केजरीवाल ने थोडा डिप्लोमेटिक होते हुए कहा कि जो जिम्मेदार होंगे उनसे ही अण्णा बात करने पर विचार कर सकते हैं।
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