एमपी को मिलेंगी सात लाख मसहरियां
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मनुष्यों की जान के दुश्मन बने छोटे से मच्छर जनित मलेरिया रोग के प्रति अब केंद्र सरकार कुछ जागरूक होती दिख रही है। मलेरिया से बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश भर में मच्छरदानियां भेजने की योजना बनाई है। ये निशुल्क ही प्रदान की जाने वाली हैं। इस नई तकनीक से बनी मच्छरदानी के संपर्क में आते ही मच्छर की मौत हो जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा केंद्र द्वारा विशेष धागे से तैयार करवाई गई मच्छरदानियों की पहली खेप में लगभग दो करोड़ मच्छर दानियां बनवाई हैं। पहली खेप में मध्य प्रदेश को लगभग सात लाख मच्छरदानियां दी जा रही हैं।
गौरतलब है कि इसके पहले भी केंद्र सरकार द्वारा मलेरिया की रोकथाम के लिए मच्छरदानियां निशुल्क ही प्रदाय की जाती रहीं हैं। उन मच्छरदानियों में एक कीटनाशक का घोल मिलाया जाता था। इस कीटनाशक का असर समाप्त होते ही पुनः इन्हें घोल में डुबाना होता था। इसका दुष्प्रभाव मनुष्य पर भी पड़ता दिख रहा था। साथ ही साथ तीन चार बार घोल में डुबाने के बाद ये प्रयोग के लिए उपयुक्त नहीं रह जाती थीं।
उल्लेखनीय होगा कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय मलेरिया उन्नमूलन कार्यक्रम चलाया जाता था। इक्कीसवीं सदी में अब हर जिलों में जिला मलेरिया अधिकारी का कार्यालय भर रह गया है। मलेरिया विभाग के कर्मचारियों आधिकारियों को अन्य कामों में बेगार पर लगा दिया गया है। अब वह गुजरे जमाने की बात हो गई जब गांवों, कस्बों, शहरों में मलेरिया विभाग के अधिकारी डीडीटी का छिड़काव कर घरों के सामने गेरू से चोखाना बनाकर उसमें छिड़काव की तिथि अंकित किया करते थे। दो ढाई दशकों से केंद्र और राज्यों की सरकारों द्वारा मलेरिया के प्रति पूरी तरह से उदासीनता ही दिखाई जा रही है।
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