उत्तराधिकारी हेतु रथ यात्रा . . . 7
रथ यात्रा से उत्साहित हैं लालू यादव
नितिश कुमार का राजनैतिक अंत देख रहे हैं लालू यादव
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। तिरासी बसंत पार कर चुके एल.के.आड़वाणी की रथ यात्रा से तीन लोग प्रसन्न नजर आ रहे हैं। अव्वल तो उनकी पुत्री प्रतिभा दूसरे अनंत कुमार और तीसरे हैं लालू प्रसाद यादव। लालू इसलिए प्रसन्न हैं क्योंकि बिहार के निजाम नितीश कुमार द्वारा आड़वाणी की रथ यात्रा को झंडी दिखाने से अल्प संख्यक नितीश से नाता तोड़ सकते हैं।
बिहार की सत्ता से उखाड़ फेंके गए राजद सुप्रीमो लालू यादव का शनि 2009 से भारी चल रहा है। 2009 के चुनावों में उनकी पार्टी औंधे मुंह गिरी और वे केंद्र तथा बिहार दोनों ही जगह सत्ता की मलाई चखने से वंचित रह गए। सत्ता से बाहर रहने के कारण राजग में फंडिंग का अभाव हो रहा है और लालू यादव का कुनबा टूट टूट कर बिखर रहा है।
इन दिनों लालू प्रसाद यादव के चेहरे की लालिमा एक बार फिर बढ़ती दिख रही है। लालू यादव को विश्वास है कि नितीश कुमार द्वारा जब एल.के.आड़वाणी की रथ यात्रा को झंडी दिखाई गई उसके बाद से ही मुसलमीन (मुस्लिम समुदाय) नितीश कुमार से खफा हो गया है। अब मुस्लिम समुदाय के पास बिहार में लालू प्रसाद यादव से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि 1990 में लालू प्रसाद यादव ने ही आड़वाणी की यात्रा को रोका और गिरफ्तार किया था, जिसके परिणामस्वरूप विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार धराशाई हुई थी।
(क्रमशः जारी)
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