विकास की दौड़ में पिछड़ा एमपी सीजी
एमपी में 75 फीसदी घरों में नहीं हैं शौचालय
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। शिवराज सिंह चौहान और डॉ.रमन सिंह चाहे कितने भी दावें करें किन्तु विकास की दौड़ में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पिछड़ चुके हें। दोनों ही सूबों में विपक्ष में विपक्ष में बैठी कांग्रेस इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने में असफल ही रही है, जिससे उस पर भाजपा से मैनेज होने के आरोपों को बल मिल रहा है। भाजपा शासित राज्य विकास की दौड़ में पिछड़ रहे हैं। इस बात का खुलासा योजना आयोग के उपाध्यक्ष एम.एस.अहलूवालिया द्वारा जारी मानव विकास प्रतिवेदन में किया गया है।
देश में मानव विकास सूचकांक में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि स्वास्थ्य, पोषण तथा स्वच्छता का मुद्दा भारत के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लायड मैनपावर रिसर्च द्वारा तैयार मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट 2011 में यह निष्कर्ष निकाला गया है। इसमें सूचकांक में उच्चतम साक्षरता दर, गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा तथा लोगों के उपभोग खर्च के आधार पर केरल को शीर्ष पर रखा गया है। इसके बाद दिल्ली को दूसरे, हिमाचल को दूसरे तथा गोवा को तीसरे स्थन पर रखा गया है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के दो तिहाई परिवार पक्के घरों में रहते हैं जबकि तीन चौथाई परिवारों को घरेलू इस्तेमाल के लिए बिजली मिल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के मानव विकास सूचकांक में बीते दशक में प्रभावी सुधार हुआ है। सूचकांक 2007-08 में 21 प्रतिशत बढ़कर 0.467 हो गया है जो 1999-2000 में 0.387 था। साथ ही इसमें रेखांकित किया गया है कि मानव विकास सूचकांक के मानकों पर छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखंड, राजस्थान व असम अब भी पिछड़े हैं और ये 0.467 के राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान छत्तीसगढ़, उड़ीसा और बिहार जैसे राज्यों के साथ काफी कमजोर स्थिति में है और इसका प्रदर्शन मानव विकास के राष्ट्रीय औसत से भी नीचे है। इतना ही नहीं खाद्य और पोषण के मामले में भी स्थिति खासी खराब है। आधारभूत विकास के मामले में प्रदेशों का प्रदर्शन खासा खराब रहा है। रिपोर्ट में इस बात का भी हवाला दिया गया है कि मध्यप्रदेश, बिहार और झारखंड की तरह राजस्थान के भी 75 फीसदी घरों में आज भी शौचालय तक नहीं हैं।
सबसे बेहतर प्रदर्शन करनेवाले राज्य
केरल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गोवा, पंजाब।
ख़राब प्रदर्शन करनेवाले राज्य
छत्तीसगढ, उड़ीसा, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान।
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