शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

मनमोहन भ्रष्ट नहीं: राहुल गांधी


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 24

मनमोहन भ्रष्ट नहीं: राहुल गांधी

पच्चीस साल बाद भी भ्रष्टाचार का आंकड़ा वही

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी ने वर्तमान प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को परोक्ष तौर पर ईमानदार करार दे दिया है। राहुल गांधी ने अराजनैतिक सोच को दर्शाते हुए अपने पिता की बात को दोहराया है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि सरकारी राशि का महज पंद्रह फीसदी हिस्सा ही जनता तक पहुंच पाता है।

अगरतला मेें एक बयान देकर राहुल गांधी ने सियासी पानी में पत्थर मारकर हलचल पैदा कर दी है। राहुल गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी के बहुचर्चित बयान का हवाला देकर कहा कि मेरे पिता ने सालों पहले कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए एक रूपए में से 15 पैसे ही आम जनता तक पहुंच पाते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बात में आज भी विश्वास करते हैं कि आज भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं कि एक रूपए में से 85 पैसे बिचौलिए खा जाते हैं।

जानकारों का मानना है कि उन्होंने एक तरह से प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर लग रहे भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक के तगमे को धोने का प्रयास किया है। राहुल के बयान के निहितार्थ राजनैतिक वीथिकाओं में खोजे जा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि जितने भ्रष्ट राजीव गांधी, नरसिंहराव, अटल बिहारी बाजपेयी, व्ही.पी.सिंह, चंद्रशेखर, इंद्र कुमार गुजराल आदि थे, कमोबेश उतने ही भ्रष्ट मनमोहन सिंह हैं। इसका कारण यह है कि तब भी पंद्रह पैसे ही जनता तक पहुंचते थे और आज भी पंद्रह पैसे ही पहुंच रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

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