प्रार्थी को गुमराह कर आरोपी का साथ दे रही बरघाट पुलिस
चाचा को और दिखा देना भैया ध्यान से
(रोहित सक्सेना)
सिवनी,(साई)। एक पीड़ित युवती का पिता थाने रिपोर्ट लिखाने आया, तो थानेदार द्वारा यह कहकर उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी लड़की आयेगी तभी रिपोर्ट लिखी जायेगी। थानेदार की बात सुन वह गरीब थाने से पुनः अपने गांव पहुँचा जहॉं को ही एक वर्ग ने उसे ऐसा डराया-धमकाया कि वह थाने तो छोड़ो घर से भी बाहर नहीं निकल पाया।
यह मामला बरघाट थाना अंतर्गत ग्राम कल्याणपुर का है। जहॉं एक प्रभावशाली धनाड्य राजेश पिता झालसिंह उम्र 35 वर्ष द्वारा ग्राम की ही एक नाबालिक लड़की की अस्मत उसके माता पिता के सूने में लूट ली गयी और बताने पर जान से मारने की धमकी दी गयी।
एक स्थानीय दैनिक ‘संवाद कुंज‘ के अनुसार द्वारा जब ग्राम के ही सरपंच पति तामसिंह देशमुख से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिवस गांव का ही राजेश हिरनखेड़े जो पहले से ही शादीशुदा है के द्वारा गांव के एक गरीब परिवार की नाबालिक लड़की के घर पहुँचा और उसकी अस्मत लूट ली। सरपंच ने बताया कि इस दौरान पीड़िता के माता पिता मजदूरी करने गये थे।
घटना की जानकारी पीड़ित लड़की ने अपने परिजनों को दी। पीड़ित पिता द्वारा अपने 02-03 सहयोगियों के साथ बरघाट थाने जाकर जब इसकी रिपोर्ट शाम के समय लिखानी चाही तो थानेदार द्वारा यह कहकर उन्हें वहॉं से भगा दिया कि जाओ और जाकर लड़की को लेकर आओ।
ग्रामीणों में ऐसी चर्चा है कि इस मामले में थानेदार द्वारा राजेश हिरनहेड़े से लंबी रकम लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया है। जब इस संबंध में बरघाट थाना प्रभारी श्री आरबी पांडे से चर्चा की गयी तो उन्होंने बताया कि मैंने लड़की के पिता से यह कहा था कि जाओ और जाकर लड़की को साथ ले आओ मुआयजा कराया जाकर रिपोर्ट दर्ज की जायेगी।
रिपोर्ट न लिखने के बाद लड़की के परिजन अपने गांव पहुँचे। तब तक पंवार समाज की एक मीटिंग हो रही थी जिसमें पीड़ित परिजनों को भी बुलाया गया और सभी पंवार समाज के लोगों ने एकतरफा फैसला सुनाते हुए यह तय किया कि आरोपी राजेश हिरनखेे को 05 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जाता है जो राशि पंवार समाज के खाते में जमा होगा। इसके बाद मीटिंग स्थगित कर दी गयी। इस घटना के बाद न तो पीड़ित परिजनों को थाने जाने दिया जा रहा है और न ही इस बात की जानकारी किसी को बताने का दबाव व धमकी दी जा रही है।
यहॉं यह भी उल्लेखनीय है कि पुलिस पिता के बयाने के आधार पर आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर सकती थी और लड़की का मुलायजा बाद में भी कराया जा सकता था किन्तु नाबालिग से बलात्कार जैसे मालमे को पुलिस द्वारा प्रार्थी को गुमराह कर उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी जो कि अपने आप में एक अपराध है।
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