बुधवार, 28 मार्च 2012

सेना के घूस कांड से एंटोनी की मुश्किलें बढ़ीं


सेना के घूस कांड से एंटोनी की मुश्किलें बढ़ीं

आलाकमान ने दिया डैमेज कंट्रोल का आदेश

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। साफ सुथरी और ईमानदार छवि के रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी के दामन पर अब भ्रष्टाचार के छींटे लगने लगे हैं। सेना में 14 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद अब एंटोनी को भी शक के दायरे में रखा जाने लगा है। कांग्रेस की सुप्रीम पावर श्रीमति सोनिया गांधी के सबसे लाड़ले अंटोनी के मार्ग में यह भ्रष्टाचार का आरोप अनेक शूल बोकर चला गया है।
सेना के एक बड़े अधिकारी को चौदह करोड़ रूपए की घूस की कथित तौर पर पेशकश किया जाना आश्चर्यजनक ही है। चर्चा है कि अगर वाकई सेना के अधिकारी को रिश्वत देने की पेशकश की गई थी तो उक्त अधिकारी को लगभग एक दशक पूर्व मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह के सबसे ताकतवर सचिव और आईएएस अमर सिंह को घूस देने की पेशकश पर की गई कार्यवाही के मानिंद ही घूस देने वाले अधिकारी को सलाखों के पीछे भिजवा देना था, वस्तुतः एसा हुआ नहीं।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ, (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि राजमाता की तमन्ना है कि चूंकि देश की बागडोर युवराज राहुल गांधी संभालने को आतुर हैं अतः देश के रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी को देश का सर्वोच्च सैन्य कमान्डर यानी महामहिम राष्ट्रपति बनाया जाए। वरना, मनमोहन सिंह के बाद पीएम पद के लिए सोनिया की पहली पसंद अंटोनी ही हैं।
महामहिम की दौड़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी पूरा जोर लगाए हुए हैं। प्रणव दा के लिए तो बाकायदा लाबिंग भी हो चुकी है। सूत्रों ने आगे कहा कि भाजपा ने अपना संदेश सोनिया तक भिजवा दिया है कि अगर प्रणव मुखर्जी या अंटोनी को रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन में भेजना है तो उसे भाजपा का उपराष्ट्रपति बनवाना होगा।
इधर, सेना में घूस कांड के उजागर होने और हल्ला होने से अंटोनी की साख पर भी बट्टा लगता दिख रहा है। चर्चा तो यहां तक भी है कि राष्ट्रपति पद के कांग्रेस के ही एक उम्मीदवार ने इस कांड को हवा दी है ताकि अंटोनी का पत्ता इस पद के लिए उम्मीदवारी से काटा जा सके। उधर, सूत्रों के हवाले से ही खबर है कि कांग्रेस आलाकमान ने अपने प्रबंधकों को कहा है कि वे सारे घोडे दौड़ाकर किसी भी तरह मीडिया को मैनेजकर इस कांड को यही दबवा दें ताकि कांग्रेस की मट्टी पलीत ना हो सके। कहते हैं कि इस काम में प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी की सेवाएं भी ली जा रही हैं।
सी.बी.आई. को रिश्वत मामले में एक ऑडियो टेप मिला है, जिसमें कथित तौर पर थल सेना अध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह और एक अन्य अधिकारी की बातचीत रिकॉर्ड है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि टेप की आवाजों की पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए अभी इसकी सच्चाई के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। उधर सी बी आई ने इस तरह की कोई टेप मिलने से इंकार किया है। रक्षा मंत्रालय ने यह मामला सीबीआई के पास भेजा है।
सीबीआई ने रक्षा मंत्रालय से जनरल वी.के. सिंह की शिकायत के साथ गवाहों की सूची और अन्य दस्तावेज मांगे हैं, ताकि वह मामले की जांच शुरू कर सके। मीडिया के साथ इन्टरव्यू में सेनाप्रमुख ने दावा किया था कि एक दलाल ने उन्हें चौदह करोड़ रुपये रिश्वत देने की पेशकश की थी। उन्होंने इस मामले की जानकारी रक्षामंत्री ए.के. एंटनी को दे दी थी।

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