0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 78
छग में पावर प्लांट ने लौटाई आदिवासियों की जमीन
एमपी में शिवराज हैं थापर पर मेहरबान
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने आदिवासियों के साथ अन्याय होने की बात पता चलते ही आदिवासियों के हितों में काम करना आरंभ कर दिया है। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ननकीराम कंवर के पुत्र संदीप द्वारा आदिवासियों की लगभग 14 एकड़ से अधिक जमीन खरीदने पर जैसे ही शोर शराबा हुआ रमन सिंह के निर्देश पर जांजगीर चांपा जिला प्रशासन ने आनन फानन कड़े तेवर अपनाते हुए आदिवासियों की जमीन वापस करवा दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संदीप कंवर के नाम पर जिले के पांच आदिवासियों की चौदह एकड़ से अधिक जमीन का सौदा पचपन लाख रूपए में कर दिया गया था। इस ममाले में बवाल मचते ही आनन फानन में प्रशासन ने निर्णय लेते हुए आदिवासियों की जमीन लौटाने के निर्देश दे दिए।
इसके साथ ही साथ आदिवासियों ने वीडियोकोन कंपनी पर फर्जीवाड़े का आरोप चस्पा कर दिया। संघ के दिल्ली के झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय केशव कुंज के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि चूंकि इस मामले संघ के कड़े तेवर थे इसलिए छग शासन के दबाव में जिला प्रशासन ने उक्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।
बताया जाता है कि आदिवासियों को धोखे में रखकर उनकी बेशकीमती जमीन की रजिस्ट्री संदीप कंवर के नाम पर करवा दी गई थी। आदिवासियों को तयशुदा रकम भी नहीं मिल सकी। इसके उपरांत आदिवासियों ने जिला प्रशासन से शिकायत की जिसका कोई हल नहीं निकला। बाद में ‘उपरी दबाव‘ में प्रशासन ने कार्यवाही की।
विडम्बना ही कही जाएगी कि मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड के आदिवासियों, जल जंगल और जमीन को परोक्ष तौर पर दौलतमंद गौतम थापर के पास रहन रख दिया गया है और बावजूद इसके केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।
(क्रमशः जारी)
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