क्या ठाकरे ने त्याग दी नश्वर देह
(निधि गुप्ता)
मुंबई (साई)। देश की आर्थिक राजधानी और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई पर सालों साल राज करने वाले शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने क्या नश्वर देह त्याग दी है? क्या बाला साहेब ठाकरे अब इस दुनिया में नहीं रहे? इस रहस्य पर से अभी कुहासा नहीं हट सका है। समाचार चेनल्स जिस तरह से चीख चीख कर वालीवुड के सितारों को ठाकरे परिवार के आधिकारिक निवास ‘मातोश्री‘ की चौखट चूमने की खबरें प्रसारित कर रहे हैं उससे लगने लगा है कि या तो वे गंभीर रूप से बीमार हैं या फिर यह खबर सच है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया बाला साहेब ठाकरे की सुदीर्घ यशस्वी जीवन की कामना करता है।
समाचार वेब पोर्टल विस्फोट डॉट काम के अनुसार कुछ पत्रकारों की मानें तो सच्चाई यही है। अमावस की रात को ही बाल ठाकरे का निधन हो चुका है लेकिन ठाकरे परिवार अभी उनके निधन की घोषणा नहीं कर रहा है। भैया दूज के दिन सुबह से मीडिया ने जिस तरह से लीला रची उससे इस आशंका और बल मिला। लेकिन पहले गोपीनाथ मुंडे का बयान और दूसरे शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने साफ किया कि रात में जरूर बाल ठाकरे की स्थिति खराब हो गई थी लेकिन अब वे वेन्टिलेटर पर नहीं है। यानी बाल ठाकरे ने मौत को एक बार फिर मात दे दिया है। फिर भी, अफवाहों का बाजार गर्म है और बाल ठाकरे के होने न होने के दावे किये जा रहे हैं।
बाल ठाकरे के सरकारी आवास मातोश्री के भीतर क्या चल रहा है यह बहुत कम लोग जानते हैं। और जो जानते हैं वे इस माहौल में कितना सच बताएंगे कहना मुश्किल है। लेकिन उनके न रहने संबंधी जो अफवाहें चल रही हैं उसके मुताबिक शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे ने दिवाली की रात ही अंतिम सांस ले ली थी। उन्हें हृद्यघात हुआ था। ठाकरे पहले से ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। दिवाली की रात उनकी तबियत अचानक खराब हो गई थी और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
लेकिन अभी तक शिवसेना और ठाकरे परिवार ने उनकी मौत की घोषणा नहीं की है। बुधवार देर शाम बाल ठाकरे की तबियत नाजुक होने की खबर मीडिया में आई। गुरुवार के पूरा दिन ठाकरे की हालत नाजुक होने की खबर मीडिया में छाई रही। बॉलीवुड, व्यापार और राजनीति जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियां गुरुवार को बाल ठाकरे का हालचाल जानने पहुंची। सभी ने यही कहा कि बाल ठाकरे की सेहत में सुधार हो रहा है। शिवसेना और ठाकरे परिवार की ओर से अधिकारिक बयान में भी यही कहा गया कि बाल ठाकरे की हालत बेहतर है।
लेकिन मुंबई में ठाकरे की सेहत पर नजर रख रहे कुछ पत्रकारों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि ठाकरे की मौत दिवाली की रात को ही हो गई थी। लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से उनकी मौत की घोषणा नहीं की जा रही है।
उधर सोशल नेटवर्किंग वेब साईट ट्विटर पर कांग्रेस के बड़बोले महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के बयान ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी बाल ठाकरे को ट्विटर पर श्रद्धांजलि दे दी थी। उनके मुताबिक ठाकरे को देखकर आए व्यक्ति ने उन्हें उनकी मौत की जानकारी दी थी। लेकिन बाद में दिग्विजय सिंह भी अपनी ट्वीट से पलट गए और माफी मांग ली।
वहीं गुरुवार को ठाकरे के अंतिम दर्शन के लिए दशहरा मैदान में पंडाल भी लगाया गया था जिसे बाद में हटा लिया गया। यही नहीं बांद्रा में उनके घर के आस-पास चलित शौचालय भी लगा दिए गए हैं ताकि उनके अंतिम दर्शन के लिए आने वालों को कोई परेशानी न हो। बाल ठाकरे को फिलहाल उनके घर में ही वेंटिलेटर पर रखा गया है और लिक्विड आक्सीजन से उन्हें सांस देने की बात कही जा रही है।
लेकिन सवाल यह है कि ठाकरे की यदि मौत हो गई है तो इसकी घोषणा क्यों नहीं की जा रही है? या फिर उनकी सेहत में वाकई सुधार है जैसा कि मीडिया को बताया जा रहा है या फिर मुंबई में शांति स्थिति को बहाल रखने के लिए जानबूझकर उनके स्वास्थ्य के स्थिर होने की परिस्थिति बनाई जा रही है कि हालात बेकाबू न होने पायें? सच्चाई जो भी हो, बाला साहेब की सेहत पर संस्पेस बना हुआ है। मातोश्री के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सीनियर ठाकरे के बारे में कोई भी खबर को बाहर रिलीज करने पर बैन लगा हुआ है। जो लोग ठाकरे परिवार के निवास से होकर लौट भी रहे हैं वे भी शिवसेना के ‘तांडव‘ के कारण अपना मुंह सिले हुए हैं।
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