रविवार, 28 अप्रैल 2013

झाबुआ पावर में अघोषित तालाबंदी, मजदूर ठेकदारों का हुआ पलायन


झाबुआ पावर में अघोषित तालाबंदी, मजदूर ठेकदारों का हुआ पलायन

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा डाले जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट के कथित कर्मचारी फिरोज द्वारा चार साल की दुधमुंही बच्ची के साथ किए गए दुष्कर्म के उपरांत अब भी वहां आक्रोश प्रस्फुटित हो रहा है जिसके परिणाम स्वरूप पावर प्लांट के अधिकांश ठेकेदार और कर्मचारी भाग खड़े हुए हैं।
ठेकेदारों और कर्मचारियों के वहां से भाग जाने से पावर प्लांट का काम ठप्प हो गया है। संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया को बताया कि इस साल मार्च में पावर प्लांट में बिजली का उत्पादन आरंभ हो जाना चाहिए था, जो अब तक नहीं हो सका है। वहीं संयंत्र के रविंद्र सिंह ने साई न्यूज को बताया कि इस साल के अंत तक पावर प्लांट में काम आरंभ होने की उम्मीद जताई जा रही थी, जो इन परिस्थितियों में अब आरंभ होता नहीं दिख रहा है।
ज्ञाततव्य है कि 17 अप्रैल को घंसौर में झाबुआ पावर प्लांट में वेल्डर का काम करने वाले फिरोज खान के द्वारा 04 वर्षीय मासूम के साथ कृत्य करने के बाद अब झाबुआ पावर प्लांट की परेशानी बढऩा शुरू हो गई है। स्थानीय सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि क्षेत्रीयजनों का आक्रोश को देखते हुए बाहर से आए मजदूर काम छोड़कर जाने लगे हैं, जिसके चलते वत्रमान में झाबुआ पावर प्लांट का कार्य अवरूद्ध पड़ा है।
वहीं सूत्रों की माने तो वहशी दरिंदे की दरिंदगी के बाद फिरोज जिस कंपनी में काम कर रहा था, उस कंपनी के ऊपर एफआईआर दर्ज हो सकती है। बताया जाता है कि उक्त कंपनी ने बगैर वेरीफिकेशन के उक्त व्यक्ति को भर्ती किया था। फिरोज के जैसे और भी कर्मचारी और मजदूर हो सकते हैं, जिसे पुलिस विभाग अब गंभीरता से ले रहा है।
अब भी गंभीर है मासूम
लगभग 10 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच केयर अस्पताल नागपुर में संघर्ष कर रही मासूम गुडिय़ा आज भी वेंटीलेटर में है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के नागपुर ब्यूरो से आशीष कौशल ने अस्पताल सूत्रों के हवाले से बताया कि घंसौर की मासूम अब भी वेंटीलेटर में है और उसे वेंटीलेटर से निकलना घातक हो सकता है। वहीं मासूम के लिये सड़कों में उतरकर उसके हक की बात करने वाले लोग अपने अपने स्तर से बच्चे के लिये दुआएं कर रहे हैं।

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