सोमवार, 22 अप्रैल 2013

दामनि के बाद अब गुड़िया!


ये है दिल्ली मेरी जान

(लिमटी खरे)


दामनि के बाद अब गुड़िया!
देश की राजनैतिक राजधानी है दिल्ली। दिल्ली में आए दिन बलात्कार हो रहे हैं। देश में आदि अनादि काल से अबलाओं के साथ दुराचार होता आया है। इक्कीसवीं सदी आते ही बलात्कार में एक परिवर्तन देखने को मिला है। अब बलात्कार का शिकार मासूम और छोटी बच्चियां हो रही है। यह निश्चित तौर पर विकृति है। इस विकृत मानसिकता के लिए शोध जरूरी है। दरअसल, पश्चिमी देशों की नग्नता से परिपूर्ण संस्कृति को अपनाकर देश में विकृत मानसिकता का जन्म हो रहा है। भले ही कोई स्वीकार करे या ना करे पर देश में इस नग्नता को परोसने में कही ना कहीं इलेक्ट्रानिक मीडिया जवाबदार है। दामिनी के वक्त दिसंबर में जो तूफान उठा था, उससे लग रहा था कि आने वाले समय में इसकी पुनरावृत्ति शायद ही हो, पर वस्तुतः एसा हुआ नहीं। प्रधानमंत्री, देश के गृह मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री की नाक के नीचे ही बालाएं सुरक्षित नहीं तो फिर सुदूर ग्रामीण अंचलों की कौन कहे।

शिव से नाराज है संघ!
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी दूसरी पारी खेल रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि वे 2013 में अपना तीसरा कार्यकाल आरंभ करके नरेंद्र मोदी की बराबरी पर जाकर खड़े हो जाएंगे। शिव के राज में जिस तरह से घालमेल हो रहा है उससे लग रहा है मानो शिव और उनके गणों को अहंकार हो गया है। शिवराज के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के जबर्दस्त आरोप लग रहे हैं। शिव के एक मंत्री विजय शाह को बड़बोलेपन के कारण कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है तो अजय विश्नोई, कैलाश विजयवर्गीय जैसे मंत्री कतार में हैं। शिव के राज में अफसरशाही के बेलगाम घोड़े सरपट दौड़ रहे हैं। दिल्ली के झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय केशव कूंज के सूत्रों ने बताया कि एमपी में भाजपा के सुशासन के बजाए कुशासन से संघ नेतृत्व भी शिवराज से खासा खफा नजर आ रहा है।

बीमारी का नाटक किया ममता ने!
ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच सब कुछ सामान्य सा नजर नहीं आ रहा है। ममता बनर्जी कांग्रेस से खफा हैं। प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात ममता ने रद्द कर दी। ममता दीदी ने तबियत नासाज होने की बात कहकर मुलाकात को रद्द किया। भोले भाले वजीरे आजम इस बात को मान गए। पर जब उन्हें बताया गया कि ममता दी तो उन्हें मामा बनाकर चली गईं तो वे भोंचक्के रह गए। पीएमओ के सूत्रों ने बताया कि ममता उसी रात में सांसद मुकुल राय के घर चुनिंदा संपादकों के साथ भोज किया जिसमें उन्होंने उनकी मनपसंद टाईगर प्रान और मटनकरी का स्वाद चखा। जब यह बात पीएमओ के जरिए सत्ता के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ पहुंची तो सोनिया गांधी की भकुटी तन गईं। सोनिया ने अपने थिंक टेंक्स को बुलाकर इस मामले में विचार करने और ममता के भाजपा से जुड़ने की संभावनाओं पर भी विचार करने की बात कह डाली।

पंकज पचौरी पर लटक रही तलवार!
टीवी की आकर्षक नौकरी छोड़कर प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार बने पंकज पचौरी लंबे समय से हैरान परेशान चल रहे हैं। इसका कारण पीएमओ में उनकी पूछ परख ही समाप्त हो जाना बताया जा रहा है। पंकज पचौरी के सर पर तलवार लटकी हैै। दरअसल, जबसे तेज तर्रार प्रवक्ता रहे मनीष तिवारी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का काम सौंपा गया है तबसे पीएम काफी राहत महसूस कर रहे हैं। वैसे भी पचौरी पर आरोप हैं कि वे पीएम की छवि चमकाने में पूरी तरह से असफल ही साबित हुए हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि पचौरी को जनार्दन द्विवेदी और अंबिका सोनी ने पीएम का एडवाईजर इसलिए बनवाया था क्योंकि दोनों ही पीएम के पूर्व एडवाईजर हरीश खरे से खासे नाराज थे। अब मनीष तिवारी को भी पचौरी भा नहीं रहे हैं। उधर, पीएमओ के सबसे ताकतवर अफसर पुलक चटर्जी को भी पंकज की पीएमओ में उपस्थिति रास नहीं आ रही है।

सत्ता मोह में राजमाता ने बदली आस्था!
सत्ता जो ना करवाए कम है। कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी वैसे तो इटली मूल की हैं। शादी के पहले और उसके बाद भी सोनिया ने कैथोलिक ईसाई धर्म को माना। जब तक राजीव गांधी जिंदा रहे तब तक सोनिया गांधी अपने बच्चों के साथ कम से कम क्रिसमस पर तो चर्च जाया करती थीं। इसके बाद उन्होंने यह सब बंद कर दिया। कहा जाता है कि सोनिया के सलाहकारों ने उन्हें मशविरा दिया है कि अगर सत्ता में रहना है तो यह सब करना ही पड़ेगा। वैसे सियासी हल्कों में यह बात भी तेजी से उभर रही है कि सोनिया गांधी कर्मकांडी हिन्दू कैसे बन सकती हैं, क्योंकि इंदिरा गांधी का विवाह फारसी फिरोज गांधी से हुआ था, इस लिहाज से सोनिया फारसी परिवार की बहू हैं। सत्ता मोह में इंसान से क्या क्या नहीं कराया जा सकता है इस बात की मिसाल है सोनिया गांधी का चर्च से दूरी बनाना।

सुस्त पड़ी है एमपीसीसी
मध्य प्रदेश में चुनाव के लिए महज सात माह से भी कम का समय बचा है। इसके बावजूद भी प्रदेश में कांग्रेस का कोई जलजला देखने को नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस को प्रदेश में मानो पक्षाघात हो गया हो। कांग्रेस बड़े बड़े मुद्दों पर महज रस्म अदायगी ही करती नजर आ रही है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस ही कांग्रेस को हराती है। हाल ही में महाकौशल अंचल के सिवनी में आदिवाीस बाहुल्य घंसौर में देश के उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के एक कथित कर्मचारी बिहार निवासी फिरोज खान ने चार साल की दुधमुही बच्ची के साथ बलात्कार किया, इसके बाद भी प्रदेश कांग्रेस मौन साधे बैठी है। लगता है गौतम थापर से सभी को बराबर चंदी मिल रही है, तभी तो रक्षित वन में नियम विरूद्ध लगने वाले इस प्लांट के बारे में किसी ने भी आवाज बुलंद करने की जहमत नहीं उठाई है।

जानते बूझते गरीब बना रही सरकार!
आप बुरा काम ना करें तो पुलिस और कोर्ट कचहरी जाने से बच सकते हैं, पर आपको बीमार होने से कोई रोक नहीं समता है। देश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद का मानना है कि देश में लगभग चार करोड़ लोग बीमारी की वजह से गरीब बन जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि शहरी क्षेत्र के 31 तो ग्रामीण क्षेत्र के 47 फीसदी लोग एसे हैं जिन्हें अपने इलाज के लिए अपनी संपत्ति बेचनी पड़ती है। आलम यह है कि ग्रामीण क्ष़्ोत्र के तीस फीसदी लोग आर्थिक कारणों से इलाज कराने ही नहीं जाते हैं। अब आप ही बताईए जब देश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री का यह कहना हो फिर भी दवा कंपनियों और चिकित्सकों की सांठ गांठ से मरीज लुट रहे हों तो क्या कहा जाए?

मनरेगा बनी भ्रष्टाचार गारंटी योजना!
मध्य प्रदेश में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भाजपा पर बोथरी कुल्हाड़ी से वार कर रहे हें। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना को मनरेगा संबोधित करने पर एक बार सोनिया गांधी बरी तरह भड़क चुकी हैं। बावजूद इसके उनके अनुयाई और पार्टी जन आज भी इस योजना को मनरेगा कहकर ही संबोधित कर रहे हैं। भूरिया और अजय सिंह मनरेगा के भ्रष्टाचार की बात कहते हैं इस संबंध में अनेक होर्डिंग्स भी लगाए गए हैं। सियासी फिजां में यह बात जमर उछल रही है कि अगर वाकई ये दोनों नेता और कांग्रेस मनरेगा के भ्रष्टाचार पर इतना चिंतित हैं तो फिर कांतिलाल भूरिया लोकसभा और अजय सिंह राहुल विधानसभा में इस बात को क्यों नहीं उठाते हैं। मतलब साफ है कि हमाम में सब नग्न हैं, सिर्फ जनता को ही भरमाना चाह रहे हैं नेतागण।

राजभवन की वेब साईट पर नेहरू की सिगरेट!
देश के हृदय प्रदेश में लाट साहेब यानी राज्य पाल की आधिकारिक वेब साईट कुछ बयां कर रही है। इस साईट पर अनेक पुराने संस्मरणों का उल्लेख है। इसमें एनक्डोट्स बटन पर प्रदेश के राज्यपाल रहे एच.विनायक पाटस्कर के एक संस्मरण का उल्लेख है। ये 1957 से 1965 तक राज्य पाल रहे। इसमें लिख है कि एक बार भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भोपाल यात्रा पर आए। अचानक ही राजभवन में पता चला कि पंडित नेहरू की पसंद वाली 555 सिगरेट राजभवन में स्टाक में नहीं है। तुरंत एक हरकारा विमान लेकर इंदौर गया जहां एयरपोर्ट पर ही एक नुमाईंदा 555 सिगरेट लेकर खड़ा था। नेहरू के लिए विशेष विमान से सिगरेट बुलवाई गई। क्या यहां नैतिकता की वर्जनाएं नहीं तोड़ी जा रही हैं। एक तरफ तो बीड़ी सिगरेट के विज्ञापन पर सरकार ने रोक लगाई हुई है, वहीं दूसरी ओर उसकी चर्चा वह भी पंडित जी के साथ सरकारी वेब साईट पर, वाह क्या कहने!

अब रमेश नहीं बचे कांग्रेस के दुलारे!
कांग्रेस के अंदर एक जुमला बड़ा मशहूर हुआ था कि हर मर्ज की दवा जयराम रमेश के पास है। अब जयराम रमेश के पास का जादुई पिटारा शायद कहीं खो गया है। कांग्रेस उनसे दूरी बनाकर चल रही है। दरअसल, यह जयराम रमेश और पलनिअप्पम चिदम्बर के बीच के शीत युद्ध का परिणाम है कि रमेश को अब कम भाव मिल रहा है। डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम के प्रेजेंटेशन के समय राहुंल गांधी को इसका नाम पसंद नहीं आया तो इसमें बैनीफिट जोड़ दिया गया। अनेक प्रेस कांफ्रेंस में भी रमेश की अनुपस्थिति को नोट किया गया। अनेक स्कीम्स की प्रेस कांफ्रेंस में चिदम्बरम तो मोजूद रहे पर जयराम रमेश गायब रहे। मीडिया ने इस बात को नोट किया और कांग्र्रेस के आला नेताओं की मंशा को समझा जिसकी चर्चा जमकर हो रही है।

मोदी की राह में शूल बोते तोगड़िया!
हिन्दुत्व का चेहरा बनकर उभरे युवा नेता प्रवीण तोगड़िया के चेहरे पर अब झुर्रियां साफ दिखाई परिलक्षित होने लगी हैं। तोगड़िया का एकमात्र एजेंडा नरेंद्र मोदी को पीछे ढकेलना है। कहा जाता है कि इसमें उन्हें एल.के.आड़वाणी का आर्शीवाद प्राप्त है। भाजपा मोदी को आगे कर रही है तो तोगड़िया उन्हें हाशिए पर ढकेलने का काम कर रहे हैं। गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने मोदी और उनके समर्थित उम्मीदवारों को हराने का असफल जतन किया जो मोदी की जानकारी में है। अब कहा जा रहा है कि तोगड़िया द्वारा शिक्षित वर्ग को भाजपा से तोड़ने का उपक्रम किया जा रहा है। तोगड़िया विवादस्पद मुद्दों को हवा देकर मोदी के विकास माड़ल को कमजोर करने की जुगत में दिख रहे हैं। अब देखना यह होगा कि संघ इस मामले में क्या रूख अख्तियार करता है।

अब सामी पर गिर सकती है गाज!
पीएमओ में राज्य मंत्री नारायण सामी के दिन खराब चल रहे हैं। सीबीआई छापों के चलते द्रमुक ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। कहा जा रहा है कि नारायण सामी को इन छापों की जानकारी पहले से ही थी। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि छापों के एक सप्ताह पूर्व फाईल मंत्री के पास से हरी झंडी प्राप्त कर चुकी थी। कांग्रेस के प्रबंधकों का मानना था कि सीबीआई की चाबुक से द्रमुक सरकार के सामने घुटने टेक देगी पर हुआ इससे उलट! वहीं दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव ने सीबीआई की चाबुक की बात सार्वजनिक अवश्य की पर समर्थन वापस नहीं लिया। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि मामला अब कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी के दरबार में पहुंच गया है। हो सकता है राजमाता इस मसले को गंभीरता से लेकर सामी के पर कतर दें।

पुच्छल तारा
दिल्ली का अबोध बालिका और सिवनी का चार वर्षीय बालिका का रेप इन दिनों सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स यानी सोशल मीडिया पर जमकर छाया हुआ है। इसमें एक चित्र लोगों को आकर्षित कर रहा है जिसमें तिरंगा में भारत का मानचित्र है और वह एक बच्ची को अपने दामन में छिपाए कह रहा है कि कहां छिपाउं तुझे, मेरी कोई सुनता भी नहीं है। यह है इक्कीसवीं सदी के भारत का स्वरूप!

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