शराब पर जमकर प्रहार किए अण्णा ने
बारिश पानी के बाद भी अण्णा को सुनने
पहुंचे हजारों लोग: दिनेश राय के चेहरे से टपक रही थी मायूसी
(महेश रावलानी / पीयूष भार्गव / जितेश
अवधवाल)
सिवनी (साई)। मंदिर में रहता हूं, खाने की थाली और बिस्तर के अलावा मेरे
पास कुछ भी नहीं है। एक बार आत्महत्या का ख्याल मन में आया, फिर स्वामी विवेकानंद की किताब पढ़कर लगा
कि जनता की सेवा में ही सब कुछ है। महाराष्ट्र के छः मंत्रियों और 480 अफसरों के
विकेट इसी मुहिम में लिए हैं। केंद्र सरकार ने जन लोकपाल पर जनता के साथ धोखा किया
है। बाबा रामदेव जैसा सुलूक मेरे साथ भी करने की प्लानिंग थी केंद्र सरकार की।
जहां शराब की चालीस दुकानें थीं आज 16 साल से वहां एक भी दुकान नहीं है। उक्ताशय
की बात खचाखच भरे महावीर लॉन में आज अण्णा हजारे ने कहीं।
आज अण्णा हजारे धूमा लखनादौन छपरा होते
हुए सिवनी पहुंचे। सिवनी में छिंदवाड़ा चौक से अण्णा की रैली आरंभ हुई। इस रैली में
लगभग डेढ़ दर्जन मंहगे विलासिता वाले चौपाया और चार दर्जन से अधिक दुपहिया वाहन
शामिल थे। रैली में अण्ण हजारे बीच बीच में अण्णा हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन
स्वीकार कर रहे थे।
रैली के उपरांत अण्णा महावीर लॉन
पहुंचे। खचाखच भरे महावीर लॉन में अण्णा के आते ही इंद्रदेव ने भी उनका स्वागत
किया। बारिश की परवाह ना करते हुए लोग अण्णा को सुनने अपने अपने स्थानों पर खड़े
रहे। अण्णा के साथ चल रहे पत्रकार संतोष भारतीय ने कहा कि इस सभा में जितने लोग आए
हैं उससे तीन गुना लोग अण्णा की सभाओं में पहुंच रहे हैं। संतोष भारतीय का यह कथन
लोगों में अंत तक चर्चित रहा।
वहां उपस्थित लोगों का कहना था कि हो
सकता है संतोष भारतीय को सिवनी के समाचार पत्रों की आज की कटिंग मिल गई हो जिसमें
अण्णा के स्वागत में एक शराब व्यवसाई के जुड़ने की खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित
हुई थी। इसके बाद ही सिवनी में अण्णा की सभा को लेकर लोगों का उत्साह फीका पड़ने
लगा था। संभवतः टीम अण्णा की खुफिया टीम ने सिवनी की फिजां को भांपकर उन्हें इससे
आवगत करा दिया हो और इशारों ही इशारों में संतोष भारतीय ने शराब के कारोबारी पर भी
वार कर दिया हो।
सभा को एक बच्ची ने भी संबोधित किया।
हाच पाच आयोजन में मीडिया के अनेक लोगों को यह पता ही नहीं चल सका कि वह बच्ची कौन
थी।
सभा को संबोधित करते हुए अण्णा हजारे ने
कहा कि छोटी सी बच्ची का भाषण सुनने के बाद उन्हें लगा कि यही असली भारत है।
उन्होंने कहा कि वे तीस साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा
कि उन्हें अब तक 55 लाख रूपए के नगद इनाम मिल चुके हैं, जो उन्होंने ट्रस्ट के हवाले कर दिए
हैं।
उन्होंने कहा कि उनके पास अपना कुछ भी
नहीं है। वे मंदिर में रहते हैं और खाने की प्लेट तथा बिस्तर के अलावा और कुछ भी
उनके पास नहीं है। अण्णा ने कहा कि उन्होंने 5 अप्रेल 2011 को जनलोकपाल का ड्राफ्ट
सरकार को सौंपा था, सरकार ने जनलोकपाल के नाम पर जनता के साथ धोखा किया है।
गांधी वादी समाजसेवी अण्णा हजारे ने
परोक्ष रूप से कहा कि वे शराब विरोधी हैं। जिस गांव में शराब की चालीस भट्टियां
थीं, जहां पान गुटखे की दुकानें हुआ करती थीं, आज वहां सोलह साल से एक भी शराब भट्टी
या पान की दुकान नहीं है। जैसे ही अण्णा ने यह कहा वहां उपस्थित हुजूम मंच के
आसपास ही शराब के कारोबार से जुड़ी शख्सियत को ढूंढता पाया गया।
अण्णा ने कहा कि सरकार के क्लास एक से
चार तक के कर्मचारियों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर जनलोकपाल के अधीन लाना
है। उन्होंने कहा कि अब दो ही मामले सामने हैं एक तो विकास का है और दूसरा विकास
से भ्रष्टाचार के खात्मे का। उन्होंने कहा कि देश के 120 करोड़ लोग जागें वे यह
नहीं मानते, पर अगर छः करोड़ लोग भी जाग गए तो जनवरी के आसपास वे दिल्ली के रामलीला
मैदान में होंगे।
अण्णा की इस सभा में दिनेश राय उर्फ
मुनमुन को मंच पर स्थान ना मिल पाने से युवा उत्साही नवेंदु मिश्र एवं गौरव
जायस्वाल की साख में जबर्दस्त इजाफा हुआ है, वहीं मंच के नीचे की ओर खड़े दिनेश राय
उर्फ मुनमुन एवं उनके समर्थकों के चेहरों पर मायूसी साफ दिखाई पड़ रही थी।
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