मच्छरों की खेती कर रही नगर पालिका!
(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)
सिवनी (साई)। सिवनी शहर में मलेरिया के
सैकड़ों मरीजों के मिलने के बाद अब डेंगू ने भी अपनी दस्तक दे दी है। ज्ञातव्य है
कि खतरनाक डेंगू अब तक दिल्ली के अलावा कुछ गिने चुने शहरों में ही कहर बरपा रहा
था। जिला मुख्यालय में जगह जगह भरे डबरे, पोखर आदि में मच्छरों के लिए उपजाऊ
माहौल तैयार हो रहा है।
मलेरिया विभाग का कार्यालय जिला
चिकित्सालय के प्रांगण में है। जिला चिकित्सालय में ही मच्छरों के लार्वा पनपने के
लिए उपजाऊ माहौल तैयार होता दिख रहा है। अस्पताल परिसर में ही जगह जगह पानी भरा
दिख जाता है। आलम यह है कि अस्पताल की छत पर ही कई जगह पानी भरा हुआ है।
इसी तरह शहर भर में जगह जगह पोखरों में
मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं। शहर के पॉश इलाके बारापत्थर में तो काफी बड़े आकार
के मच्छरों का डेरा साफ दिखाई पड़ता है। मजे की बात तो यह है कि शहर में अनेक
स्थानों पर दूध डेरियां संचालित हैं। इन दूध डेरियों में गाय और भैंस भी पर्याप्त
मात्रा में गंदगी फैला रही हैं।
सालों से नगर पालिका प्रशासन की ओर से
मच्छरों के शमन के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है। नगर पालिका प्रशासन के पास एक
अदद फागिंग मशीन भी है जिससे वह मच्छरों को भगाने का काम करती है। साल में महज दस
से पंद्रह दिन ही यह फागिंग मशीन अपनी कर्कश ध्वनि के साथ लोगों को दिखाई पड़ जाती
है।
आम जनता की तो छोड़िए सत्ता में बैठी
भातरीय जनता पार्टी और विपक्ष में बैठी कांग्रेस के नेताओं ने भी फागिंग मशीन की
आवाज शायद ही सुनी हो। मजे की बात तो यह है कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा इस
फागिंग मशीन को आपरेट करने की मद में बड़ी मात्रा में राशि का आहरण भी किया जाता है, पर पालिका में चल रहे कमीशन के गंदे
धंधे के चलते विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी के पार्षद भी पालिका की सभा या बजट
अधिवेशन में इस बात पर आपत्ति दर्ज नहीं करते कि जब फागिंग मशीन चली ही नहीं तो
भला इसकी मद में राशि का आहरण क्यों किया जा रहा है।
शहर में आज मलेरिया विभाग के कुछ
कर्मचारी अवश्य ही विवेकानंद वार्ड में घूमकर पानी में दवा डालते दिखाई दिए। मठ
तालाब के आसपास यह टीम खासी सक्रिय नजर आई। जिला चिकित्सालय, निजी चिकित्सालयों, निजी तौर पर चिकित्सा करने वाले
चिकित्सकों के दर पर मलेरिया के मरीजों की संख्या देखकर इस बात का सहज ही अंदाजा
लगाया जा सकता है कि मच्छरों के शमन के प्रति पालिका और मलेरिया विभाग कितना
सक्रिय है।
शहर में डेंगू के संदिग्ध मरीज मिलने से
अब सिवनी में भी डेंगू फैलाने के जिम्मेदार मच्छरों की आवक से खतरे की घंटी बजने
लगी है। गौरतलब है कि डेंगू के लिए जिम्मेदार मच्छर साफ पानी में ही अंडे देता है।
बरसात के मौसम में घरों की छतों पर एकत्र पानी, डबरे, पोखरों का पानी, गर्मी के उपरांत बाहर रखे कूलर, अन्य बेकार सामान आदि में एकत्र पानी
इनके लार्वा के लिए उपजाऊ माहौल तैयार करता है।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि देश की
राजधानी दिल्ली में बारिश और ठण्ड के मौसम में डेंगू के मरीजों और इससे मरने वालों
की तादाद में खासा इजाफा होता है। दिल्ली में तो अगर किसी के घर पानी एकत्र मिलता
है तो उसके मालिक पर नगर निगम द्वारा चालान बना दिया जाता है। पर चर्चा है कि
सिवनी की नगर पालिका को शायद कमीशन के गंदे धंधे से फुर्सत ही नहीं मिल पाती कि वह
नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति कोई कदम उठाए।
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