दिनेश राय मांग
सकते हैं भाजपा के लिए वोट!
रजनीश की टिकिट
लगभग तय, भाजपा का
कमजोर प्रत्याशी होगा केवलारी विधानसभा से
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)। सिवनी
जिले से कांग्रेस ने केवलारी विधानसभा से पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह के
पुत्र रजनीश सिंह का नाम लगभग तय कर लिया है। उनका नाम बड़े नेताओं ने एक सुर में
अकेला ही दिया है,
जिससे लग रहा है कि उनकी टिकिट पक्की है। वहीं दूसरी ओर
भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि सिवनी विधानसभा में निर्दलीय रहकर कांग्रेस के
प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू को हराने वाले दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने जिले में
भाजपा के लिए वोट मांगे तो भाजपा को जबर्दस्त बढ़़त मिल सकती है।
कांग्रेस के उच्च
पदस्थ सूत्रों का कहना है कि हाल ही में बड़े नेताओं की रायशुमारी के उपरांत प्रदेश
में छः दर्जन नामों पर लगभग सहमति बन चुकी है। इन 72 नामों की फेहरिस्त
में विधायकों के साथ ही साथ एक हजार से कम अंतर से हारे प्रत्याशियों के नाम भी
शुमार हैं। इसमें सिवनी जिले के केवलारी से हरवंश सिंह ठाकुर के सुपुत्र रजनीश
सिंह का नाम केवलारी से अकेला गया है, जिससे लग रहा है कि उनकी टिकिट पक्की ही है।
हुकुम बन सकते हैं
रजनीश के लिए सिरदर्द
ज्ञातव्य है कि
केवलारी से रजनीश सिंह को टिकिट देने की स्थिति में कुंवर शक्ति सिंह द्वारा
निर्दलीय रूप से मैदान में उतरने की हुंकार भरी गयी थी। अगर वे अपने वचन के अनुसार
केवलारी में रजनीश सिंह के खिलाफ खड़े हो जाते हैं तो रजनीश सिंह को केवलारी से
चुनाव लड़ने में ही पसीना आ सकता है। वहीं दूसरी ओर केवलारी से सालों से कांग्रेस
को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले बसंत तिवारी की उपेक्षा भी
कांग्रेस को भारी पड़ सकती है।
दिया जा सकता है
लाल बत्ती का लालीपॉप
कांग्रेस के उच्च
पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि केवलारी में
रजनीश सिंह की राह आसान करने हर संभव कोशिश की जाएगी। कांग्रेस में उनको भीतराधात
का सामना न करना पड़े, इसके लिए कांग्रेस के आला नेताओं द्वारा बसंत तिवारी, कुंवर शक्ति सिंह
आदि को ‘प्रदेश में
सरकार बनने की स्थिति में‘ लाल बत्ती की लालीपॉप थमायी जा सकती है।
कमजोर प्रत्याशी
उतारेगी भाजपा!
इसके साथ ही साथ
ऊपरी स्तर पर अब यह तिकड़म चल रही है कि केवलारी विधानसभा से भाजपा द्वारा डॉ.ढाल
सिंह बिसेन के स्थान पर किसी कमजोर प्रत्याशी को रजनीश सिंह के सामने उतारा जाए, जिससे रजनीश आसानी
से चुनाव निकाल सकें। वहीं डॉ.ढाल सिंह बिसेन को बालाघाट लोकसभा की टिकिट देने की
पेशकश कर पार्टी उन्हें मना सकती है। इसका कारण यह भी है कि बालाघाट के वर्तमान
सांसद के.डी.देशमुख विधानसभा में दांव आजमाना चाह रहे हैं।
दिनेश राय का भाजपा
में जाना तय
इधर, भाजपा मुख्यालय में
चल रही बयार के अनुसार भाजपा के शीर्ष नेता अरविंद मेनन इन दिनों नगर पंचायत
लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय से पूरी तरह इत्तेफाक रख रहे हैं। अरविंद मेनन
के करीबी सूत्रों का कहना है कि दिनेश राय द्वारा अपनी भाजपाई सीढ़ी (संभवतः शिवराज
सिंह चौहान केबिनेट के एक मंत्री, जो संभवतः उनके बिजनेस पार्टनर भी हैं) के
जरिए अरविंद मेनन को पूरी तरह शीशे में उतारा जा चुका है। सूत्रों का कहना है कि
दिनेश राय ने पिछले विधानसभा चुनावों में अपना खुद का परफार्मेंस, लखनादौन नगर पंचायत
चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी का ही नाम वापस लेना, उनकी माता श्रीमती
सुधा राय की ऐतिहासिक फतह आदि के बारे में सविस्तार अरविंद मेनन को बताया है।
दिनेश के खिलाफ कुछ
भी सुनने को तैयार नहीं मेनन
भाजपा के एक आला
नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर साई न्यूज से चर्चा के दौरान कहा कि अरविंद
मेनन को दिनेश राय ने इस तरह बाहुपाश में लिया है कि वे दिनेश राय के खिलाफ कुछ भी
सुनने को तैयार नहीं हैं। कोई अगर दिनेश राय की शिकायत लेकर भी जाता है तो अरविंद
मेनन यह कहकर भगा देते हैं कि सिवनी वालों का काम सिर्फ और सिर्फ शिकायत करना है।
कप प्लेट तब्दील हो
जाएगा फूल में
उक्त नेता ने यह भी
बताया कि अरविंद मेनन को यह घुटी पिलाई गई है कि पिछली बार दिनेश राय को लगभग तीस
हजार वोट मिले थे। उनका चुनाव चिन्ह कप प्लेट था, इस बार अगर उन्हें
टिकिट दी गई या उन्होंने भाजपा के पक्ष में वोट मांगे तो कप प्लेट पर डलने वाले
सारे वोट कमल के फूल के वोट में तब्दील हो जाएंगे।
जमीनी हकीकत से
अनजान!
उक्त नेता ने यह भी
कहा कि शायद अरविंद मेनन सहित आला नेता जमीनी हकीकत से अनजान ही हैं। दरअसल, पिछली बार कप प्लेट
को लगभग तीस हजार वोट इसलिए मिल गए थे, क्योंकि उस समय भाजपा की टिकिट सिटिंग एमएलए
नरेश दिवाकर के बजाए तत्कालीन सांसद श्रीमती नीता पटेरिया को दी गई थी, वहीं दूसरी ओर
कांग्रेस की ओर से पहले यह सीट एनसीपी को समझौते में दी जाने वाली थी, बाद में यहां से
प्रसन्न चंद मालू को मैदान में उतारा गया था। दोनों ही चेहरों से कांग्रेस और
भाजपा के लोग बुरी तरह खफा थे। यही कारण था कि कांग्रेस और भाजपा के अंदर भीतराघात
चरम पर पहुंचा और कांग्रेस के प्रत्याशी की जमानत जप्त हो गई थी तथा भाजपा को इस
क्लीन सीट को निकालने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था।
टिकिट मिलेगी या
नहीं, फैसला जल्द
वहीं, भाजपा के एक आला
पदाधिकारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि दिनेश राय को भाजपा में शामिल
करने की घोषणा किसी भी क्षण की जा सकती है। अभी इस बात पर विचार चल रहा है कि
दिनेश राय को अगर भाजपा में शामिल किया जाता है तो उन्हें टिकिट दी जाए अथवा नहीं।
भाजपा के आला नेता दिनेश राय को एक स्थापित और बड़ा नेता मान रहे हैं। हो सकता है
कि इन चुनावों में भाजपा दिनेश राय का उपयोग कर उन्हें बालाघाट लोकसभा से टिकिट देने
का प्रलोभन दे दे।
अगर मिली तो
रायशुमारी. . .
उधर, सिवनी से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से अय्यूब कुरैशी ने बताया कि सिवनी भाजपा में भी इस बात
को लेकर मंथन आरंभ हो गया है। भाजपाईयों का कहना है कि अगर दिनेश राय को भाजपा में
शामिल कर टिकिट दी जाती है तो पिछले दिनों हुई रायशुमारी का क्या औचित्य रह जाएगा, क्योंकि रायशुमारी
में दिनेश राय का नाम ही सामने नहीं आया है। कार्यकर्ताओं में चल रही चर्चाओं के
अनुसार अगर ऐसा हुआ तो यह कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात होगा और हजारों की तादाद
में भाजपा कार्यकर्ता त्यागपत्र भी दे सकते हैं।
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