हुकुम से भयाक्रांत नजर आ रहे रजनीश
दिनेश पटेल के कारण हो रहे रजनीश बुरी तरह बदनाम
(पीयूष भार्गव)
सिवनंी (साई)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केवलारी में चार बार परचम
लहराने वाले मरहूम हरवंश सिंह ठाकुर के पुत्र रजनीश सिंह भले ही केवलारी विधानसभा
क्षेत्र में अपने चाटुकार मीडिया के माध्यम से यह प्रचारित करवाने में सफल हो रहे
हों कि वे केवलारी से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं पर हरवंश सिंह द्वारा
पोषित घंसौर क्षेत्र के नेता कुंवर शक्ति सिंह जिन्हें लोग हुकुम के नाम से भी
जानते हैं,
उनकी राह में कांटे ही कांटे बिखराते जा रहे
हैं।
कहा जा रहा है कि हरवंश सिंह ने अपने सियासी जीवन में मैनेज करने वाली
राजनीति ही की है। चाहे विमला वर्मा को घर बिठाने का षणयंत्र रहा हो या फिर जिले
में कांग्रेस संगठन को नेस्तनाबूत करने का काम हो। हरवंश सिंह ने कांग्रेस के अति
महात्वाकांक्षी लोगों को चिन्हित कर उनके माध्यम से इस काम को बखूबी अंजाम दिया
है। हरवंश सिंह के निधन के उपरांत कांग्रेस के लोगों की जुबानें खुलना आरंभ हुईं
और अब वे एक दूसरे को बता रहे हैं कि किस तरह हरवंश सिंह ने उन्हें अस्त्र की तरह
इस्तेमाल कर अपना उल्लू सीधा किया है।
हरवंश ने किया उपयोग
कुंवर शक्ति सिंह ने कई बार इस बात को दोहराया है कि उनका उपयोग कर हरवंश
सिंह ने घंसौर क्षेत्र की कद्दावर नेता, प्रदेश की मंत्री
और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहीं उर्मिला सिंह (वर्तमान में महामहिम राज्यपाल, हिमाचल प्रदेश) को रास्ते से हटवाया था। शक्ति सिंह को रूपहले
पर्दे का शक्ति कपूर जैसा विलेन बनाकर रख दिया हरवंश सिंह ने।
स्वीकारोक्ति के बाद भी मौन डीसीसी
कांग्रेस के अंदर अब अनुशासनहीनता शगल बनता जा रहा है। दरअसल, अनुशासनहीनता करने और उसके बाद सीना ठोंककर उस अनुशासनहीनता
की गर्व के साथ स्वीकारोक्ति के बाद भी जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा अपने
कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही न किया जाना इसकी सबसे बड़ी वजह है।
कुंवर शक्ति सिंह द्वारा सरेआम यह कह दिया गया कि उन्हें टिकिट नहीं मिली तो वे
निर्दलीय मैदान में उतरेंगे, बावजूद इसके जिला
कांग्रेस कमेटी ‘अज्ञात‘ भय के चलते शक्ति सिंह के खिलाफ कार्यवाही से कतरा रही है।
डरे हुए हैं रजनीश
कुंवर शक्ति सिंह द्वारा लगाई गई इस दहाड़ के बारे में जब ‘समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया‘ ने जिला कांग्रेस महामंत्री रजनीश सिंह से संपर्क किया और फोन
पर उनसे शक्ति सिंह की इस हुंकार के बारे में प्रतिक्रिया जाननी चाही तो रजनीश
सिंह ने मौन ही साधे रखा। जब जिला महामंत्री रजनीश सिंह से यह पूछा गया कि क्या
जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा शक्ति सिंह की इस दहाड़ के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक
कार्यवाही जैसा कदम उठाएगी? इस पर भी रजनीश
सिंह ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।
उगलत निगलत पीर घनेरी
उधर, ‘बर्रा दरबार‘ के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि दरअसल, रजनीश सिंह इस बात से बुरी तरह डरे हुए हैं कि अगर जिला
कांग्रेस कमेटी द्वारा कुंवर शक्ति सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती
है तो शक्ति सिंह इस कदर ‘रायता‘ फैलाएंगे कि रजनीश सिंह को केवलारी में चुनाव जीतना तो दूर
लड़ने में भी पसीना आ जाएगा। अगर वे कार्यवाही नहीं करवाते हैं तो कार्यकर्ताओं में
यह संदेश जा रहा है कि जिस तरह की राजनीति हरवंश सिंह द्वारा की गई अब वही राजनीति
कुंवर शक्ति सिंह द्वारा की जा रही है और रजनीश सिंह अपने लाभ हानि के चक्कर में
पार्टी को ही दांव पर लगा रहे हैं। कुल मिलाकर रजनीश सिंह के सामने उगलत निगलत पीर
घनेरी की स्थिति निर्मित हो चुकी है।
दिनेश पटेल और सचिव होंगे पोलिंग एजेंट!
छपारा और केवलारी क्षेत्र में चल रही चर्चाओं के अनुसार कांग्रेस भाजपा की
नूरा कुश्ती जारी है। भाजपा के निचले दर्जे के कार्यकर्ता इस बात से हैरान हैं कि
आखिर कांग्रेस के क्षत्रप रहे हरवंश सिंह के राजनीति में अभी अचानक उभरे पुत्र
रजनीश सिंह के कथित संरक्षण वाले छपारा कला ग्राम पंचायत के सचिव लक्ष्मण सिंह और
केवलारी के शिक्षक दिनेश पटेल के खिलाफ भाजपा सरकार कार्यवाही करने से कतरा क्यों
रही है? अब तो लोग यह भी कहने लगे हैं कि भाजपा के जिला स्तर के बड़े
नेता ही रजनीश सिंह के विजय के मार्ग प्रशस्त करने पर तुले हुए हैं। वरना क्या
कारण है कि मीडिया में खबरों के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही
है। वहीं अब यह चर्चा भी आम हो गई है कि भाजपा ने केवलारी में रजनीश सिंह के सामने
हथियार डाल दिए हैं, और दिनेश पटेल, लक्ष्मण सिंह सहित सरकारी कर्मचारी ही रजनीश सिंह के पोलिंग
एजेंट बने नजर आएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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