राजेश त्रिवेदी के खिलाफ लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज: दादू निखिलेंद्र नाथ
सिंह
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के खिलाफ लोकायुक्त में
प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया गया है। उक्ताशय की जानकारी अधिवक्ता दादू निखिलेंद्र नाथ
सिंह द्वारा दी गई है। लोकायुक्त की इस कार्यवाही से नगर पालिका परिषद् में
कांग्रेस के चुने हुए पार्षदों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
दादू निखिलेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि लोकायुक्त कार्यालय में पदस्थ अवर
सचिव बसंत कुंभारे के हस्ताक्षरों से जारी पत्र क्रमांक 2839 / जाप्र 136 /13 के द्वारा
उन्हें सूचित किया गया है कि उनके द्वारा अध्यक्ष नगर पालिका परिषद् राजेश
त्रिवेदी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिवनी (तत्कालीन एवं वर्तमान) एवं कर्मचारी
अधिकारीगण नगर पालिका परिषद् सिवनी के खिलाफ की गई शिकायत पर लोकायुक्त कार्यालय
ने संज्ञान लेते हुए प्रकरण क्रमांक 136/13 पंजीबद्ध
कर जांच करवाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि नगर पालिका परिषद् में हुए भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की
25 बिन्दुओं पर शिकायत, उन्होंने
लोकायुक्त से की थी। इस शिकायत में उनके द्वारा फायर वाहन के दुरूपयोग, क्रोसोलिक एवं फीनोलिक पाउडर की खरीदी में हुए भ्रष्टाचार, अवैध कॉलोनियों के बारे में, वाहनों की बैटरी के संबंध के साथ ही साथ दलसागर तालाब के
सौंदर्यीकरण में घटिया पेवर ब्लॉक लगाने की शिकायत की थी।
अपनी विज्ञप्ति में दादू निखिलेंद्र नाथ सिंह ने आगे कहा है कि उनके
शिकायत पत्र में हाथ ठिलिया की खरीदी में भ्रष्टाचार, नगर पालिका द्वारा समाचार पत्रों को जारी विज्ञापनों में जमकर
घोटाले की बात का भी उल्लेख किया गया है। इस शिकायत में डीएवीपी या सीपीआर से
अनुमोदित दरों से अधिक दरों पर विज्ञापन प्रदाय किए गए हैं। इतना ही नहीं नगर
पालिका परिषद् द्वारा उन समाचार पत्रों को भी विज्ञापन दिए गए हैं, जो भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत ही
नहीं हैं। पालिका द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक की राशि के विज्ञापन राजेश
त्रिवेदी के शपथ ग्रहण समारोह, नरेश दिवाकर के
स्वागत समारोह एवं विधान सभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी के समारोह हेतु जारी किए गए
हैं।
दादू निखिलेंद्र नाथ सिंह ने आगे कहा कि उनके द्वारा नगर पालिका परिषद् की
आलमारी आदि खरीदी की शिकायत भी की गई है। इसके अलावा बीआरजीएफ राशि के दुरूपयोग की
शिकायत का भी इसमें समावेश किया गया है। इस शिकायत में कांच के सामान और कारपेट
खरीदी के बारे में भी शिकायत की गई है।
अपने 25 बिन्दुओं के शिकायत पत्र में
उन्होंने टॉयलेट निर्माण, कपड़े और पर्दे
खरीद, एनएच सात पर नगर के अंदर नेशनल लॉन के सामने के नाले के
निर्माण,
पार्षद राजा पराते से संबंधित अभिलेख और
नस्ती को कार्यालय से गायब किए जाने, पाईप खरीदी के
संबंध में,
बोरिंग के बारे में, कीटनाशक मच्छरमार पाउडर की खरीदी के बारे में, दलसागर तालाब के विसर्जन घाट के संबंध में, हाउसिंग बोर्ड के सैप्टिक टैंक के बारे में, टैगोर वार्ड में एमपीईबी ऑफिस (पुराना पॉवर हाउस) के सामने से
एसपी बंग्ले बबरिया रोड तक के सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण के बारे में शिकायतें
की गई हैं।
दादू निखिलेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि उनके द्वारा लोकायुक्त को की गई
शिकायत में नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के द्वारा आय से अधिक संपत्ति को
विधि के विरूद्ध तरीके से अर्जित करने की शिकायत भी की गई है।
संदेह के दायरे में कांग्रेस के पार्षद
दादू निखिलेंद्र नाथ सिंह द्वारा की गई इस कवायद के बाद जब लोकायुक्त
द्वारा नगर पालिका परिषद् के अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी सहित तत्कालीन एवं वर्तमान
सीएमओ के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है, तब इन परिस्थितियों में नगर पालिका परिषद् में बैठे कांग्रेस
के पार्षदों पर शक की सुई घूमना लाजिमी है। नगर पालिका परिषद की न जाने कितनी
बैठकें अब तक संपन्न हो चुकी हैं, पर कांग्रेस के
पार्षदों द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा या नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ मोर्चा न खोला
जाना भी अपने आप में अनेक सवालों को जन्म दे रहा है। वहीं, यह मामला नगर का है, अतः इस मामले में
नगर कांग्रेस कमेटी का मौन भी आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। जिले में हर जगह
कांग्रेस भाजपा की जुगलबंदी दिखाई दे रही है, उसी तर्ज पर नगर
पालिका परिषद् में भी कांग्रेस और भाजपा की अनोखी जुगलबंदी देखकर सिवनी की जनता
दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर है।
जांच प्रभावित कर सकती है राजेश का सियासी कैरियर
सिवनी में हरवंश सिंह ठाकुर के उपरांत राजेश त्रिवेदी संभवतः दूसरे ही
राजनेता होंगे जिनके खिलाफ लोकायुक्त ने संज्ञान लिया है। इसके पहले हरवंश सिंह
ठाकुर के खिलाफ भाजपा नेता ओम दुबे द्वारा शिकायतें की गईं थी। बताया जाता है कि
वे शिकायतें हरवंश सिंह की सियासी पहुंच के कारण परवान नहीं चढ़ पाईं थीं। अब राजेश
त्रिवेदी के खिलाफ लोकायुक्त में मामला पंजीबद्ध होने से उनके सियासी कैरियर पर
इसका प्रभाव पड़ सकता है। चुनाव की रणभेरी के साथ ही यह मामला उजागर होने से उनकी
उम्मीदवारी पर भी इसका प्रभाव पड़े बिना नहीं रहने वाला है।
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