शनिवार, 26 दिसंबर 2009

किसकी सुने एचएम की या सीएच की!

किसकी सुने एचएम की या सीएच की!



0 कांग्रेसी सांसदों को रहना होगा आखिरी सप्ताह में दिल्ली


0 नेताओं के बडे दिन की छुट्टी पर फिरा पानी


(लिमटी खरे)


नई दिल्ली 26 नवंबर। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में सियासी दलों के वरिष्ठ सदस्यों के सर पर साल के आखिरी सप्ताह में एक नई आफत आन खडी हो गई है। नेताओं के सामने मुश्किल यह है कि वे एचएम (गृह मंत्री अर्थात अपनी पित्न) की बात सुनें या सीएच (पार्टी के चेयरमेन) की। स्कूलों की छुट्टी के चलते नेताओं पर घर से दबाव है कि बडे दिनों की सात दिन की छुट्टी में उन्हें घुमाने ले जाया जाए, दूसरी ओर पार्टी के आलाकमान ने उन्हें हलाकान कर रखा है। घरवाली, बाहरवाली के चक्कर में उलझकर नेताओं की रात की नींद और दिन का चैन हराम हो गया है।
दिल्ली में आजकल प्रमुख पाटियां कांग्रेस और भाजपा दोनों ही संगठन चुनाव में व्यस्त हैं। पार्टी आलाकमान ने साफ कर दिया है कि संगठन का सदस्यता अभियान हर हाल में 31 दिसंबर तक ही चलाया जाएगा। आलाकमान किसी भी कीमत पर इसे बढाने के मूड में नहीं दिख रहा है।
नेताओं को डर है कि कहीं सदस्यता अभियान में हेराफेरी कर उनके प्रतिद्वंदी अपनी जमीन मजबूत न कर लें। यही कारण है कि बाल बच्चों को छोडकर नेता जोर शोर से सदस्यता अभियान में जुट गए हैं। जिला अध्यक्ष बनाने की जोडतोड में कांग्रेस के उम्मीदवार हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं भाजपा में मण्डल से जिला स्तर तक मची गलाकाट स्पर्धा के चलते वे एक घंटे के लिए भी दिल्ली छोडने की स्थिति में नहीं हैं।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी द्वारा वजीरे आजम डॉ. मन मोहन सिंह की उपस्थिति में आईटीओ पर कांग्रेस के नए केंद्रीय कार्यालय का शिलान्यस 28 दिसंबर को किया जा रहा है। चूंकि कांग्रेस सुप्रीमो और प्रधानमंत्री दोनों ही इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे सो कांग्रेस के देश भर के सांसद केंद्रीय कार्यालय के इस प्रोग्राम में भाग लेंगे ही।
``हुई गति सांप छछूंदर केरी, उगलत निगलत पीर घनेरी`` की स्थिति में फंसे नेता न तो बीबी बच्चों को ही तरीके से मना पा रहे हैं और न ही संगठन के स्तर पर अपने मोहरे फिट करने का काम पूरी ईमानदारी से कर पा रहे हैं। हाड गलाने वाली ठंड के बावजूद सियासी हल्कों की फिजां काफी गरम नजर आ रही है। अब नेता अपने मतदाताओं की तरह अपने परिवार को ही आश्वासन देते नजर आ रहे हैं कि जैसे ही तीन दिन की छुट्टी एक साथ पडेगी सबको हवाई जहाज से घुमाने अवश्य ले जाएंगे।

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