दिल्ली के आबकारी कानून लागू होने में हो सकती है देर
केंद्र और राज्य के बीच उम्र को लेकर रस्साकशी
(लिमटी खरे)
केंद्र और राज्य के बीच उम्र को लेकर रस्साकशी
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली 10 जून। आने वाले समय मंे देश की राजनैतिक राजधानी में 25 साल से कम के युवा मद्य का सेवन नहीं कर पाएंगे। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर आए दिन अघोषित मयखाने पाए जाने पर पीने वालों पर जुर्माना 200 रूपए से बढाकर पांच हजार रूपए कर दिया गया है। केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार का यह कानून नागवार गुजरता प्रतीत हो रहा है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को लिखे एक पत्र में अपनी कुछ आपत्तियां दर्ज की हैं।
गौरतलब होगा कि वर्तमान में दिल्ली में पंजाब एक्साईज एक्ट 1914 लागू है। दिल्ली सरकार का नया आबकारी कानून केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए मंत्रालयों की सीढियां चढ उतर रहा है। दिल्ली सरकार के आला दर्जे के सूत्रों का कहना है कि इस कानून के प्राप्त होने के साथ ही केंद्र सरकार हरकत में आ गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले मंे राज्य के वित्त मंत्री डॉ.अशोक कुमार वालिया को पत्र लिखकर कुछ मामलात में सफाई मांगी है।
सूत्रों ने आगे बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के नए आबकारी कानून में कहा गया है कि दिल्ली मंे नया कानून लागू होने के बाद शराब का सेवन करने वालों की उमर पच्चीस साल होना चाहिए पर शराब परोसने वाले महज 21 साल के हो सकते हैं, इसका आशय क्या है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के इस पत्र का जवाब डॉ.वालिया ने केंद्र को भेज दिया है, जिसमें साफ कहा गया है कि माननीय न्यायालय के उस आदेश के परिपालन में एसा प्रावधान किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मुहैया कराने सरकार आगे आए।
इस नए कानून के बारे में कहा जा रहा है कि दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर मद्यपान करते पकडे जाने पर अब तक की सजा का प्रावधान दो सौ रूपए से बढाकर पांच हजार रूपए कर दिया गया है। इसके साथ ही साथ अवैध शराब रखने वालों के खिलाफ भी कडी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं अगर इस तरह की शराब पीने से किसी की मौत हो जाती है तो दोषी पाए गए व्यक्ति को मृत्युदण्ड और दस लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। यद्यपि अधिकारी मानते हैं कि इस नए कानून के अमल में आने के उपरांत दिल्ली में अवैध शराब का कारोबार पूरी तरह रूक जाएगा, किन्तु अवैध शराब बेचने में होने वाले मुनाफे के चलते यह लाबी इतनी ताकतवर हो चुकी है कि नया आबकारी कानून अमली जामा पहन पाए इसमें संशय ही लग रहा है।
1 टिप्पणी:
अवैध शराब बेचने में होने वाले मुनाफे के चलते यह लाबी इतनी ताकतवर हो चुकी है कि नया आबकारी कानून अमली जामा पहन पाए इसमें संशय ही लग रहा है।
जब तक संशय है तब तक चलता रहेगा पु्राना ढर्रा।
इसका भी पता नहीं कि संशय कब तक दूर होगा।
एक टिप्पणी भेजें