शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

फोरलेन विवाद का सच ------------------- 22

सिवनी से हो सकता है मोबाईल कंपनियांे का मोहभंग

सिवनी से गुजरने वाले फोरलेन उत्तर दक्षिण गलियारे का काम अगर पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में सिवनी में बजने वाली विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों के मोबाईल की घंटियां सुनाई देना बंद हो सकता है। यह एक बहुत बड़े घाटे के तोर पर फोरलेन के सिवनी से न होकर गुजरने के खामियाजे के तौर पर सामने आ सकता है। वैसे भी बीएसएनएल के अलावा अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों ने सिवनी में इंटरनेट ब्राड बेण्ड को आरंभ कर इस सुविधा को वापस ले लिया था, जिसका कारण सिवनी से इन कंपनियों को वांछित राजस्व न मिल पाना ही बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सिवनी में मोबाईल के क्षेत्र में भी सेवा प्रदाता कंपनियों को पर्याप्त राजस्व नहीं मिल पा रहा है। चूंकि स्वर्णिम चतुर्भज और उत्तर दक्षिण तथा पूर्व पश्चिम गलियारे के मार्ग में पड़ने वाले स्थानों पर मोबाईल नेटवर्क देना इन कंपनियों की मजबूरी बन गई थी अतः सिवनी को इन कमोबेश हर कंपनी ने अपने नक्शे में शामिल कर लिया है।

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 03 सितम्बर। सिवनी वासी अवश्य ही मुगालते में होंगे कि जो भी नया मोबाईल सेवा प्रदाता बाजार में आमद दे रहा है, उसकी नजरों में सिवनी एक अच्छा बाजार बनकर उभरा है, यही कारण है कि सिवनी में मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियां अपनी आमद दे चुकी हैं। सिवनी में कुछ मोबाईल सेवा प्रदाताओं को अगर छोड़ दिया जाए तो कमोबेश समस्त मोबाईल सेवा प्रदाताओं के एजेंट और नेटवर्क के लिए मोबाईल टावर स्थापित हो चुके हैं।
 
इन मोबाईल सेवा प्रदाताओं में से कुछ ने बाजार की नब्ज को पहचानते हुए यहां अपना इंटरनेट कनेक्शन का जाल भी बिछाना आरंभ कर दिया था। इस मामले में सेवा प्रदाता कंपनियों ने सामान्य के साथ ही साथ तेज गति की इंटरनेट सेवा के रूप में ब्राड बेण्ड का आगाज भी कर दिया था। ब्राड बेण्ड की सेवाओं में से बीएसएनएल को छोड़कर अन्य सेवाओं ने जल्द ही दम तोड़ दिया था।
 
इसके उपरांत निजी तोर पर सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने सिवनी से अपने अपने ब्राड बेण्ड इंटरनेट कनेक्शन को समाप्त ही कर दिया था। ब्राड बेण्ड की सेवाएं इसके उपरांत भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा ही जनता के बीच परोसी जा रही थीं। इंटरनेट के शौकीन लोगों की मजबूरी हो गई थी कि वे तेज गति में इंटरनेट सर्फिंग के लिए बीएसएनएल की सेवाओं को ही लें। आरोपित है कि बीएसएनएल की इंटरनेट सेवाएं हर दम बाधित ही हुआ करती हैं। कभी गति बहुत ही धीमी होती है, तो कभी सिग्नल की ही दिक्कतों से उपभोक्ताओं को दो चार होना पड़ता है।
 
निजी तौर पर सेवा प्रदान करने वाली सेवा प्रदाता कंपनियों के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार सिवनी में अनेक मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों ने अपनी आमद इसलिए दी हैं, क्योंकि स्वर्णिम चतुष्गामी सड़क और उत्तर दक्षिण एवं पूर्व पश्चिम सड़क गलियारे के इर्द गिर्द उन्हें अपनी कंपनी के मोबाईल का नेटवर्क देना जरूरी हो गया है। यही कारण है कि सिवनी से होकर गुजरने वाले चतुष्गामी सड़क गलियारे के इर्दगिर्द भी मोबाईल के नेटवर्क को उपलब्ध कराने की गरज से कंपनियों ने सिवनी में अपना मोबाईल नेटवर्क का जाल बिछाया है।
 
जिस तरह से सिवनी से उत्तर दक्षिण गलियारे को अन्यत्र ले जाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है, उसे देखते हुए आने वाले समय में तस्वीर कुछ धुंघली अस्पष्ट किन्तु बदली बदली सी ही दिख रही है। माना जा रहा है कि अगर उत्तर दक्षिण गलियारे के नक्शे पर से सिवनी जिले का नाम अगर मिटा दिया गया तो निजी तौर पर सेवा प्रदान करने वाली मोबाईल कंपनियांे ने जिस तरह अपने ब्राड बेण्ड कनेक्शन सिवनी से गायब कर दिए हैं, उसी तरह वे अपने नेटवर्क को भी सिवनी से उठाकर उस जगह ले जाएंगे जहां से होकर यह फोरलेन गलियारा जाएगा। उन परिस्थितियों में सेवा प्रदाता मोबाईल कंपनियों का सिवनी से मोह भंग होना स्वाभाविक ही माना जा रहा है।

कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि सिवनी में फोरलेन गलियारे के निर्माण में फंसे पेंच की आहट सुनने के उपरांत निजी तौर पर इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने अपनी अपनी ब्राडबेण्ड सेवाएं यहां से हटा ली थीं। इस मामले में सच्चाई कितनी है, यह तो सेवा प्रदाता कंपनी जाने किन्तु यह सच है कि सिवनी में ब्राड बेण्ड इंटरनेट कनेक्शन सिर्फ और सिर्फ भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा ही परोसा जा रहा है।

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