बुधवार, 12 जनवरी 2011

पीएम से मिली चौहान

पीएम से मिली चौहान

प्रदेश में पाला पड़ने से पांच हजार करोड़ की फसलों को नुकसान:केन्द्रीय सहायता की मांग

नई दिल्ली, (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां नई दिल्ली में प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह और केन्द्रीय कृषि एवं खाद्य मंत्री श्री शरद पवार से भेंट की। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे प्रदेश के लंबित प्रकरणों को हल करने में सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए और फसलों को हुई क्षति के आकलन के लिए शीघ्र केन्द्रीय अध्ययन दल भेजने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में चना, मसूर और अरहर सहित अनेक दलहन फसलों में पाला पड़ने के कारण लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र की पांच हजार करोड़ रूपये की फसलों का नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार किसानों को अपने स्तर पर सहायता दे रहा है। इसके लिए केन्द्रीय सहायता की आवश्यकता होगी। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री से केन्द्रीय अध्ययन दल भेजकर क्षति का आकलन कर सहायता देने का अनुरोध किया है। श्री चौहान ने फसल बीमा योजना में भी सुधार करने का आग्रह किया है। किसान और एक गांव को यूनिट मानकर बीमा का लाभ दिया जाए। श्री चौहान ने लागत मूल्य बढ़ने के कारण गेहूं के समर्थन मूल्य में 20 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को अपर्याप्त बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की। मध्यप्रदेश शासन अपने स्तर पर 100 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दे रहा है। प्रदेश के किसानों को तीन प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी ब्याज की दरें कम करे। श्री चौहान ने बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत छतरपुर में एक कृषि विश्वविद्यालय खोलने का अनुरोध किया। प्रदेश सरकार ने इसक्रे लिए जमीन चिन्हित कर ली है।

श्री चौहान ने प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया कि प्रदेश को 170 लाख टन कोयले की आवश्यकता है। प्रदेश को 150 टन आवंटित कोयले के विरूद्ध मात्र 130 लाख टन कोयला दिया जा रहा है इससे प्रदेश में विद्युत उत्पादन कम हो रहा है। श्री चौहान ने मध्यप्रदेश के लिए कोयला की आपूर्ति मध्यप्रदेश की कोयला खानों से करने का आग्रह किया। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया कि कोयला आयात करने पर प्रदेश को चार गुना अधिक खर्च होता है। इसलिए कोयला उत्पादक राज्यों को उनके ही राज्यों से कोयला दिया जाए। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री जी से कहा कि प्रदेश को गैर आवंटित बिजली में से 350 मेगावाट बिजली कम मिली रही है। इसी प्रकार दामोदर वैली से 200 मेगावाट बिजली प्राप्त नहीं हो रही है। इस दिशा में प्रधानमंत्री पहल करने का आग्रह किया है। प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों के लिए 6 कोल ब्लाक आवंटित किये गये हैं किन्तु वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलने के कारण थर्मल पावर प्लांट चालू नहीं हो पा रहे हैं। महेश्वर बांध मंें 5 रेडियल गेट लगाने की वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा मंजूरी दिलायी जाए। महेश्वर बांध में रेडियल गेट लग जाने से तुरंत 200 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो सकेगी।

प्रदेश का 30 प्रतिशत वन क्षेत्र सुरक्षित रखा गया है जिसका लाभ पूरे देश को मिलता है। कैम्पा के अंतर्गत 967 करोड़ रूपये की राशि जमा है। इसमें से मात्र 104 करोड़ रूपये की राशि हमें मिली है। शेष राशि भी राज्य को खर्च करने क्रे लिए प्रधानमंत्री निर्देश दें। वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आदिवासियों को पट्टे देने में प्रदेश अव्वल है। किन्तु वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा वन भूमि को डी नोटिफाई करने के आदेश जारी नहीं किये जाने के कारण आदिवासियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि प्रदेश में 37 लाख आवासहीन अनुसूचित जाति, जनजाति और कमजोर आय वर्ग के लोग हैं जिन्हें इन्दिरा आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन्दिरा आवास योजना में मध्यप्रदेश को अधिक लाभ दिलाया जाए। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री का इस ओर भी आकर्षित किया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। किन्तु इस वर्ष ग्रामीण सड़कों के लिए बिल्कुल राशि आवंटित नहीं की गयी है। इससे गांवों को जोड़ने का काम प्रभावित होगा। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को लंबित प्रकरणों के निराकरण में सहयोग करने का आश्वासन दिया है।

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