एलजी के उत्तराधिकारी की तलाश तेज
अग्रवाल, चावला, पाल, दुग्गल के नाम आए सामने
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। दिल्ली की निजाम शीला दीक्षित और उपराज्यपाल (एलजी) तेजिंद्र खन्ना के बीच अनबन किसी से छिपी नहीं है। लगता है जल्द ही शीला दीक्षित को एलजी से छुटकारा मिल सकता है। खन्ना का कार्यकाल इसी माह समाप्त हो रहा है, और उनके उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई है। कांग्रेस के आला नेताओं ने अपने अपने पसंदीदा नामों के लिए लाबिंग तेज कर दी है।
दिल्ली के उपराज्यपाल के लिए जो नाम अब तक उभरकर सामने आए हैं, उनमें केंद्र शासित प्रदेश काडर के 1970 बैच के नौकरशाह रहे एस.पी.अग्रवाल का नाम सबसे आगे चल रहा है, इसके बाद नवीन चावला, विनोद दुग्गल और दिल्ली के पुलिस आयुक्त रहे के.के.पाल के नाम हैं।
बताया जाता है कि अग्रवाल और सीबीआई के तत्कालीन निदेशक रहे उनके मित्र ने उनके नाम को हरी झंडी दे दी है। माना जा रहा है कि दिल्ली के अगले उपराज्यपाल अग्रवाल ही होंगे, किन्तु अगर कंेद्र ने अग्रवाल के नाम पर मुहर लगाई तो कांग्रेस को कंेद्रीय सतर्कता आयुक्त थामस की स्थिति से दो चार होना पड़ सकता है।
दामन उजला नहीं है अग्रवाल का
हाल में पारसनाथ बिल्डर्स के लिए काम करने वाले एस.पी.अग्रवाल दिल्ली से प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के पद से सेवानिवृत हुए हैं। वर्ष 1983 में जब वे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति महकमे के आयुक्त थे, तब उनके खिलाफ एक जांच आहूत की गई थी। इसके बाद जब 1987 में वे दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त थे तब सीवीसी ने उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया था। इतना ही नहीं अपनी सेवानिवृत्ति के पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव की पदस्थापना के दौरान उन पर लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में एक अधीक्षक की नियुक्ति के मसले में केंद्रीय जांच ब्यूरो में प्रकरण चल रहा है।
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