मनमोहन की राह पर पृथ्वीराज
बिल्डर लाबी बन गई है सबसे बड़ी चुनौति
(लिमटी खरे)
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में चल रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो चव्हाण के लिए महाराष्ट्र में 288 में से एक भी सीट सुरक्षित नहीं मिल पा रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे पृथ्वीराज चव्हाण अब महाराष्ट्र के सतारा निवासी हो गए हैं, सतारा लोकसभा चुनावों में पटकनी खाने के बाद वे वहां से विधानसभा चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।
इसके साथ ही साथ उनके लिए मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने कलीना विधानसभा सीट मुख्यमंत्री के लिए छोड़ने की पेशकश कर दी है। उधर बिल्डर लाबी ने इस सीट पर मुख्यमंत्री को हराने के लिए सौ करोड़ रूपयों से ज्यादा चंदा एकत्र किए जाने की खबरों ने चव्हाण की नींद उड़ा रखी है।
चव्हाण के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी राज्यसभा सीट पर सिंह के अलावा महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मणिकराव ठाकरे ने नजरें गड़ा दी हैं। बतौर राज्यसभा सांसद चव्हाण का कार्यकाल अभी चार साल से अधिक का बाकी है। उधर शिवसेना के किरण पावस्कर के त्यागपत्र और गुरूनाथ कुलकर्णी के निधन से रिक्त हुई विधान परिषद की सीटों पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। चुनाव 21 फरवरी को होना तय है। चव्हाण के सामने मुसीबत यह है कि पावस्कर की सीट पर शिवसेना तो कलकर्णी के बदले एनसीपी अपना दावा पुख्ता करती नजर आ रही है।
दिल्ली की राजनैतिक फिजां में पृथ्वीराज चव्हाण के इस कदम को अच्छी नजरों से कतई नहीं देखा जा रहा है। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि यह विडम्बना है कि देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन डॉ.मनमोहन सिंह को लोकसभा में मत देने का अधिकार ही हासिल नहीं है, उसी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए महाराष्ट्र के नए निजाम पृथ्वीराज चव्हाण सीधे जनादेश लेने से बचते हुए पिछले दरवाजे से विधानसभा में पहुंचना चाह रहे हैं।
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