सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

एमपी उपचुनावों के उपरांत बदले जाएंगे संगठन मंत्री


संघ फेंट सकता है संगठन मंत्रियों के पत्ते
(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली। सत्ता की मलाई चखने के आदी हो चुके राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संगठन मंत्रियोें के पर जल्द ही कतरे जा सकते हैं। अनेक संगठन मंत्रियों को भाजपा से संघ में वापस बुलाए जाने पर संघ ने गंभीर विचार विमर्श आरंभ कर दिया है। मध्य प्रदेश के संगठन मंत्री माखन सिंह की भी संघ में वापसी के मार्ग प्रशस्त होने की खबरें हैं।
गौरतलब है कि संघ के द्वारा भाजपा में भेजे गए संगठन मंत्रियों का प्रमुख दायित्व संघ और भाजपा के बीच तालमेल बनाने का है। भाजपा शासित राज्यों में संगठन मंत्रियों द्वारा सरकार पर अनावश्यक दबाव बनाए जाने की शिकायतों के उपरांत संघ ने कुरूक्षेत्र के बाद विजयवाड़ा में संगठन मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की थी। वहीं दूसरी और राज्यों में संभाग और जिलों में तैनात संगठन मंत्रियों की मनमानी के चलते भाजपा में धड़ेबाजी सतह पर आ गई है, जिससे संघ नेतृत्व बुरी तरह खफा नजर आ रहा है।
संघ के झंडेवालान स्थित मुख्यालय ‘केशव कुंज‘ के सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में संगठन मंत्रियों की तैनाती नए सिरे से की जानी प्रस्तावित है। मध्य प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद बन चुके अरविंद मेनन को माखन सिंह के स्थान पर भेजा जा सकता है। एमपी में यह बदलाव कुक्षी और सोनकच्छ उपचुनाव के एन बाद में किए जाने की आशा है।
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में विजय शर्मा की कार्यप्रणाली से संघ और भाजपा दोनांे ही में असंतोष है। शर्मा के स्थान पर नए नाम को खोजने का काम जारी है। भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के गृह राज्य महाराष्ट्र में रघुनाथ का चाल चलन गड़करी को नहीं भा रहा है। सूत्रों का कहना है कि रघुनाथ को पृथक कर कुछ दिनों तक सूबा संगठन मंत्री विहीन रखकर ही चलाया जाएगा।

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