ये है दिल्ली मेरी जान
(लिमटी खरे)
गोविंदा के बाद अब सलमान पर डाल रही कांग्रेस डोरे
कांग्रेस का जनाधार धीरे धीरे घटता ही जा रहा है। देश पर एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस अब कुछ सूबों में ही सिमटकर रह गई है। युवाओं को लुभाने के लिए कांग्रेस ने वालीवुड के सितारों का राजनीति में आने का प्रयोग किया। कुछ हद तक यह प्रयोग सफल रहा। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, सुनील दत्ता, गोविंदा और सुनील दत्त की पुत्री प्रिया आदि इसके नायाब उदहारण माने जा सकते हैं। अब कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी और सलमान खान के बीच छनने वाली खबरों से लगने लगा है कि सल्लू मियां जल्द ही कांग्रेस खेमे में आने वाले हैं। भारत श्रीलंका के वल्र्ड कप फायनल में युवराज राहुल अपने आठ दोस्तों के साथ मुंबई गए। सूत्रों की मानें तो भारत की जीत की खुशी में कांग्रेस की नजर में देश के भावी प्रधानमंत्री राहुल गांधी ने मुंबई के वर्ली इलाके में पार्टी आरंभ की। आधी रात के बाद जब पार्टी का सुरूर चढ़ा तब राहुल का एक मित्र उन्हें सलमान खान के घर ले गया। बताते हैं कि वहां पार्टी अलहसुब्बह भोर की पहली किरण उगने तक अर्थात छः बजे तक चली। इस बात की चर्चा दिल्ली के सियासी गलियारों में जमकर हो रही है।
बेरोजगार होने वाले हैं जोशी!
डाॅ.मुरली मनोेहर जोशी जल्द ही बेरोजगार हो सकते हैं। दरअसल उनके नेतृत्व वाली पीएसी का कार्यकाल इसी माह की तीस तारीख को पूरा होने वाला है। पीएसी का भाव इन दिनों इसलिए भी बढ़ा हुआ है, क्योंकि टू जी स्पेक्ट्रम मामला इसके पास विचाराधीन है। भाजपा के अंदरखाते से जो खबरें आ रही हैं, वे बताती हैं कि जोशी पर दबाव है कि वे इस विवादित मामले पर पीएसी का प्रतिवेदन इसी सप्ताह के अंत तक अर्थात 28 या 29 तारीख तक पेश कर दें। वैसे एक मई को नई पीएसी का गठन किया जाना प्रस्तावित है। नई पीएसी के लिए सियासी बिसात बिछ चुकी है, कांग्रेस और भाजपा द्वारा इसके लिए गलाकाट खींचतान आरंभ कर दी है। देखना यह है कि इस महत्वपूर्ण मामले में जोशी अपने कार्यकाल में टूजी मामले की रिपोर्ट प्रकाश में ला पाते हैं या फिर नए अध्यक्ष के जिम्मे यह काम सौंपा जाता है।
अशांति है शांति के घर पर!
जनता पार्टी के समय में कानून मंत्री रहे और 1980 में भाजपा की स्थापना वर्ष में पार्टी के उपाध्यक्ष रहे शांति भूषण की पेशानी पर पसीने की बूंदे छलकती साफ दिखाई दे रही हैं। भूषण एण्ड संस अच्छा खासा काम धंधा शांति के साथ कर रहे थे। बाद में अन्ना हजारे का साथ देने के कारण वे कांग्रेस के निशाने पर आ गए। एक के बाद एक विवादों में भूषण बंधुओं को उलझाया जा रहा है। कभी इलाहाबाद में बीस करोड़ का मकान महज एक लाख में खरीदने तो कभी नोएडा में भूखण्ड का मामला, तो कभी हिमाचल के पालमपुर के मकान की जांच। भूषण एण्ड संस पर कम समय में ज्यादा संपत्ति एकत्र करने के आरोप भी मढ़े जा रहे हैं। भूषण एण्ड संस तो विचलित हैं ही उनके साथ ही साथ अन्ना भी परेशां हैं कि उनके आंदोलन में इन पिता पुत्रों के कारण कालिख लगती जा रही है। कांगे्रस के दिग्गज इन्हें आसानी से छोड़ने वाले नहीं, अभी तो यह आगाज है, अंजाम देखिए क्या होता है।
सिंहों की यात्रा पर हुआ खर्च करो सार्वजनिक
केंद्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय को निर्देश दिया है कि पीएम डाॅ.मनमोहन सिंह के साथ विदेश यात्रा पर गए उनके रिश्तेदारों पर सरकार ने कितना खर्च किया है, इस बात को सार्वजनिक किया जाए। सीआईसी ने पीएमओ की इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया है कि उसके पास एसा कोई रिकार्ड है ही नहीं। यूपी के शाहजहांपुर के अयूब अली द्वारा मांगी गई जानकारी पर पीएमओ एवं विदेश मंत्रालय ने यह जवाब दिया था कि उसके पास इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। केंद्रीय सूचना आयोग ने इस पर सख्त रवैया अपनाते हुए पीएमओ को निर्देश दिया है कि वह प्रधानमंत्री के रिश्तेदारों (सिंह फेमली) बीस कार्य दिवसों के अंदर वह समस्त विभागों से जानकारी मुहैया करे और आवेदक को यह उपलब्ध कराए।
अब रामदास पर गिरेगी गाज
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अम्बूमणि रामदास फर्जी आर्युविज्ञान संस्थानों को अनुमति देने के मामले में नप सकते हैं। इस मामले की जांच करने वाली सीबीआई ने 16 अप्रेल को मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से इंडेक्स मेडीकल कालेज के मालिक सुरेश भदोरया को अरेस्ट किया था। भदोरया के बयानों और उनके पास से मिले दस्तावेजों के आधार पर अब केंद्रीय जांच ब्यूरो जल्द ही रामदास पर शिंकजा कसने की तैयारी कर रही है। मेडिकल कांउसिल आॅफ इंडिया (एमसीआई) के पदाधिकारियों की नियुक्ति में भी भारी अनियमितताएं होने की बातें प्रकाश में आई हैं। एमसीआई में सचिव पद काफी महत्वपूर्ण होता है और इस पद पर संगीता शर्मा की नियुक्ति पर भी विवाद आरंभ हो गया है।
सीबीएसई अपनाए पंजाब फार्मूला
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को पंजाब पेटर्न को तत्काल अपना लेना चाहिए। पंजाब में निजी शालाओं में किताबों और स्कूल की वर्दी की दुकानें अब नहीं चल पाएंगी। पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग ने निजी शाला के प्रबंधन की इस मनमानी को तत्काल रोकने की कवायद आरंभ कर दी है। बताते हैं कि सरकारी शाला के प्राचार्यों के दायित्वों में इस बात का भी शुमार किया गया है कि वे अपने इर्द गिर्द संचालित होने वाले निजी स्कूलों का समूचा ब्योरा एकत्र करने को जोड़ा गया है। निजी स्कूल भले ही वे सीबीएसई एफीलेटेड हों या न को इसमें शामिल किया गया है। निर्देशों में कहा गया है कि प्राचार्य इस बात की जानकरी विशेष तौर से जुटाएं जिसमें फीस से लेकर वर्दी तक की जानकारी शामिल हो। आठ कालम के प्रोफार्मा को भरने की जवाबदारी निजी शाला के प्राचार्य की होगी किन्तु भरवाएंगे सरकारी शाला के प्राचार्य।
ममता का चुनावी तोहफा!
रेल मंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में चुनावी बिसात बिछाने में व्यस्त हैं। उधर रेल महकमे की मौजां ही मौजां है। भारतीय रेल ने ममता बनर्जी की ओर से यात्रियों को एक नायाब चुनावी तोहफा दिया है। आने वाले समय में रेल में सफर करने वाले यात्रियों को आॅन बोर्ड खाने के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी होगी। आने वाले दिनों में 27 रूपए वाली थाली जो रेल में 35 से 40 रूपए में बेची जाती है का दाम बढ़ाकर 65 रूपए कर दिया गया है। मतलब साफ है कि यह थाली अब 70 से 80 रूपए में बिकेगी। इसी तरह 14 वाला जो नाश्ता 20 से 25 में बिकता था के दाम बढ़ाकर 30 कर दिए गए हैं जो अब 40 से 50 रूपए के बीच बिकेगा। अब ममता बनर्जी रेल के बजाए बंगाल पर ध्यान देंगी तो रेल यात्रियों की कमर टूटना लाजिमी ही है। इन परिस्थितियों में दस रूपए वाला जनता मील कहां और कैसे मिलेगा यह यक्ष प्रश्न ही बना हुआ है।
चर्चा में है अमूल के विज्ञापन
गुजरात कोआॅपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के एक उत्पाद अमूल बटर के चुटीले विज्ञापन यूं तो सदा ही चर्चा में हुआ करते हैं, किन्तु कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को अमूल बेबी का तमगा देने पर बने विज्ञापन की धूम मची हुई है। केरल के मुख्यमंत्री वी.एस.अच्युतानंदन द्वारा राहुल गांधी अमूल बेबी करार दिया गया है। बडबोले शशि थरूर ने एक बार फिर ट्विटर पर अपनी जुबान खोलकर इस बहस को आगे बढ़ा दिया है। राहुल पर लगे अमूल बेबी के ठप्पे को पुख्ता करते हुए थुरूर ने कह दिया है कि इसमें गलत क्या है। अमूल बेबी चुस्त दुरूस्त, मजबूत और भविष्य के प्रति गंभीर होते हैं। अब देखना यह है कि थरूर के इस कथन को अमूल किस तरह कैच कर विज्ञापन की अगली कड़ी में क्या प्रदर्शित करता है।
ब्लू लाईन का खौफ
किलर ब्लू लाईन को दिल्ली की सड़कों से हटाने की मुहिम के बाद ब्लू लाईन संचालकों और चालक परिचालकों का आक्रोश देखते ही बन रहा है। बेरोजगार हो रहे इन चालक परिचालकों द्वारा अब सवारियों के साथ बदतमीजी करना आरंभ कर दिया है। गौरतलब है कि ब्लू लाईन के परमिटधारी संचालकों द्वारा बसों को चालक परिचालकों को ही ठेके पर दे दिया जाता रहा है। प्रतिस्पर्धा के चलते चालकों द्वारा बसों को हवा में उड़ाया जाता रहा है और राहगीर असमय ही काल के गाल में समाते रहे हैं। हाल ही में पश्चिमी दिल्ली में एक हादसे ने इस बात को प्रमाणित कर दिया है कि दिल्ली में ब्लू लाईन संचालकों को किसी का खौफ नहीं रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इंद्रपुरी क्षेत्र में एक बच्चे को सरेराह ही चलती बस से धक्का दे दिया जिससे सड़क पर गिरने से उसकी मौत हो गई। दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है।
बच्चों की बाजीगरी पर रोक!
बाल श्रम कानून का सरेआम माखौल इस देश में उड़ाया जाता है। हद तो तब हो जाती है जब शराब के अड्डों पर छोटू, मुन्ना, बबलू और पप्पू की आवाजें सुनाई देती हैं। श्रम विभाग की इस अंधेरगर्दी पर कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। जस्टिस दलबीर भंडारी और जस्टिस ए.के.पटनायक की संयुक्त बैंच ने बचपन बचाओ आंदोलन की याचिका पर यह व्यवस्था दी। पीठ ने सर्कस में बच्चों के काम करने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। कोर्ट ने तल्ख रवैया अपनाते हुए कहा है कि सर्कस सहित खतरनाक उद्योगों में काम कर रहे बच्चों को मुक्त करवाकर उनका पुनर्वास करवाया जाए। न्यायालय ने मानव संसाधन विभाग के महिला एवं बाल विकास विभाग को ताकीद किया है कि वह दस सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रखे।
मंत्री पुत्र अरेस्ट!
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावांे के चलते केंद्रीय मंत्री मुकुल राय के पुत्र और विधानसभा में त्रणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुभ्रांशु राय को बंगाल पुलिस ने अरेस्ट किया है। केंद्रीय मंत्री राय के पुत्र की गिरफ्तारी के बाद राजधानी की सियासत गर्माने लगी है। दरअसल मुकुल राय के पुत्र पर आरोप है कि उन्होने अपने साथियों के साथ सरकारी और निजी इमारतों की दीवारों पर लिखे नारे मिटाने गए चुनाव आयोग के दल पर हमला किया है। चुनाव आयोग ने सुभ्रांश राय को अरेस्ट न कर पाने वाले निरीक्षक पाथ्र प्रीतम राय को निलंबित भी किया है। वाम दल इस घटना को जमकर तूल दे रहा है। वाम दलों के अनुसार त्रणमूल कांग्रेस को लोकतंत्र, शांति और पुलिस पर यकीन नहीं है यही कारण है कि त्रणमूल के नेता अब गुण्डागर्दी पर उतारू हो गए हैं।
चालक बिना दौड़ती भारतीय रेल
भारत का रेल नेटवर्क विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क माना जाता है। इसकी कमान केंद्रीय रेल मंत्री के हाथों में होती है। भारतीय लोकतंत्र का सबसे शर्मनाक पहलू यह माना जाएगा कि भारत गणराज्य की रेल मंत्री ममता बनर्जी पिछले लगभग एक साल से मुख्याल दिल्ली छोड़कर पश्चिम बंगाल की चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं, और बिना निजाम के भारतीय रेल महकमा दिशा से भटक चुका है। देश भर में रेल गाडियों में कर्मचारी मजे कर रहे हैं और यात्री बुरी तरह पिस रहे हैं। कभी रेल में डकैती पड़ती है तो कभी किसी को चलती रेल से फेंक दिया जाता है। व्हीव्हीआईपी समझी जाने वाली राजधानी एक्सपे्रस बर्निंग ट्रेन बन जाती है, तो चालक ही रेल लेकर भाग जाता है। हाल ही में कश्मीर की वादियों में 35 किलोमीटर तक रेल गाड़ी बिना चालक के ही दौड़ती रही। वादियों में रेल सेवा का उदघाटन वजीरे आजम डाॅ.एम.एम.सिंह ने 2008 में किया था। समुद्र तल से 5420 फिट उपर कश्मीर की खतरनाक वादियों में यह करिश्मा रेल मंत्री को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है।
इस पर भी कुछ फरमाएं कृष्णा जी
भारत के विदेश मंत्री एस.एम.कृष्णा द्वारा विदेश में भारतीयों पर होने वाली ज्यादतियों पर लगभग मौन ही साधे रहते हैं। विश्व कप में भारत की जीत का जश्न मनाना कुवैत में काम करने वाले लगभग छः दर्जन मजदूरों को भारी पड़ा है। 30 मार्च को खेले गए सेमी फायनल मैच में भारत की जीत की खुशी मनाने वाले 68 भारतीय मजदूरों को कुवैत से देश निकाला दे दिया गया है। जीत का जश्न मनाना कुवैत सरकार को इस कदर नागवार गुजरा कि वहां की सरकार ने इन मजदूरों का न केवल वेतन हड़प लिया वरन् उनका वीजा भी रद्द कर दिया है। इन मजदूरों के कुवैत में एक साल तक प्रवेश पर रोक भी लगा दी गई है। भारत सरकार द्वारा इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही न करना निश्चित तौर पर अनेक संदेहों के साथ आश्चर्य को ही जन्म दे रहा है।
फिर न कहना माईकल दारू पीके . . .
‘अच्छा हुआ अंगूर को बेटा न हुआ, जिसकी बेटी ने सर पे उठा रख्खी दुनिया‘ शायर की ये मंशा सच ही है। इसका उदहारण दिया बवाना क्षेत्र में मुख्य चिकित्त्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने। दिल्ली में राजा हरिश्चंद्र अस्पताल के सीएमएचओ डाॅ.मनोज ने बीती रात शराब पीकर डीएसआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र को सर पर उठा लिया। जो भी उन्हें समझाने जाता तो डाॅक्टर मनोज अपने पद का रौब गांठकर उसे हड़का देते। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और डाक्टर का मुलाहजा संजय गांधी अस्पताल में करवाया। बाद में पुलिस ने एक्साईज एक्ट के तहत कार्यवाही कर एक बांड भरवाकर सीएमएचओ को छोड दिया। वैसे दिल्ली में कड़े नियम और भयानक फाईन के बाद भी लोग सार्वजनिक स्थलों पर छककर शराब पीते नजर आ ही जाते हैं।
पुच्छल तारा
सड़कों पर गाडियों की बाढ़ देखते ही बनती है। दिल्ली में तो जितने परिवार के सदस्य नहीं उतनी गाडियां हैं अनेक परिवारों के पास। गाडियों पर तरह तरह के जुमले लिखा होना आम बात है। पश्चिमी दिल्ली से सपना सरीन ने एक ईमेल भेजा है। सपना लिखती हैं कि वाहनों पर ऊं, अल्लाह, गुरू नानक देव, साईं बाबा, राम, जय माता दी आदि लिखे हुए तो बहुत देखे हैं। दिल्ली में ब्लू लाईन की बिदाई के साथ ही सरकारी गाडियों में इस तरह के नाम अब देखने को नहीं मिलते। दिल्ली की सड़कों पर छोटी गाडियां दौड रही हैं। इन गाडियों में इस तरह के नामो की बौछार है। एक गाडी में लिखी बात पढ़़कर हर कोई हंसे बिना तो नहीं रह सकता। इस पर लिखा था -‘‘जलो मत किश्तों पर आई हूं।‘‘
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