संघ के निशाने पर मसीही समाज!
दिल्ली में मसीही समाज में खलबली
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। देश के हृदय प्रदेश में मसीही समाज के लोगों की प्रथक से होने वाली गिनती के आदेश से राजधानी दिल्ली की सियासी फिजां गरमा गई है। एमपी के मण्डला में हुए नर्मदा कुम्भ के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के निशाने पर इसाई मिशनरी के आने से हडकम्प मचा हुआ है। यद्यपि राज्य सरकार द्वारा समस्त पुलिस अधीक्षकों को ईसाइयों की गिनती पर रोक लगा दी है किन्तु मसीही समाज के लोगों का रोष यथावत ही बना हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चैहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा सूबे में रहने वाले मसीही समाज के लोगों की जानकारी एकत्र की जाने वाले एक आदेश को प्रदेश के सभी एसपी को भेजा था। इसमें समस्त नए पुराने चर्च, शैक्षणिक संस्थान, राजनैतिक जुड़ाव के साथ ही साथ उनके आर्थिक स्त्रोतों के बारे में जानकारी एकत्र करने को कहा गया था। इस आदेश के परिपालन में अनेक जिलों के पुलिस अधीक्षकों द्वारा समस्थ थाना प्रभारियों को इसकी जानकारी अविलंब भेजने को कहा गया था।
एमपी छग के कैथलिक विशप कांफ्रेंस के क्षेत्रीय जनसंपर्क अधिकारी आनंद मुटुंगल इस आदेश को गंभीर मानते हैं। उनका मानना है कि इस आदेश के जारी होने के पीछे की मंशा को स्पष्ट किया जाना आवश्यक है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सूत्रों का कहना है कि धर्मांतरण मंे लगी ईसाई मिशनरियों की मुखालफत करने वाले संघ के इशारे पर शिवराज सिंह चैहान द्वारा यह कदम उठाया गया है।
उधर केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि वे इस बात की तह में अवश्य जाएंगे कि भाजपा सरकार द्वारा इस तरह के आदेश जारी करने के पीछे क्या मंशा रही। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु संघवी इस मामले तल्ख टिप्पणी देते हुए बोले कि ईसाईयों की तादाद पता लगाने के लिए जारी आदेश असंवेधानिक है।
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