राजघाट को छावनी बनाने पर बिफरे अन्ना
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। सिविल सोसायटी ने रामलीला मैदान पर हुई रावणलीला के विरोध में महात्मा गांधी की समाधि ‘राजघाट‘ पर अनशन आरंभ कर दिया है। राजघाट पर लगभग गए हजार पुलिस के जवानों की तैनाती अन्ना हजारे को नागवार गुजरी और उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार सत्याग्रह से डरने के बजाए लोगों को डरा रही है।
आज सुबह लाल रंग की गाड़ी में सवार जब अन्ना राजघाट पहुंचे तब वहां भारी तादाद में पुलिस बल मौजूद था। राजघाट को छावनी बना देख अन्ना हजारे के तेवर तीखे हो गए और उन्होंने सरकार पर प्रहार आरंभ कर दिया। अन्ना का कहना है कि वे मरने से नहीं डरते। अन्ना के साथ देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी और स्वामी अग्निवेश भी मौजूद थे। आज सुबह आरंभ हुआ अन्ना का अनशन शाम छः बजे तक चलेगा।
अनशन स्थल पर विवादों के साए में आने वाले पिता पुत्र अधिवक्ता शांति भूषण और प्रशांत भूषण भी मौजूद थे। अनशनस्थल पर बने मंच पर अन्ना हजारे अकेले ही बैठे थे। देश भक्ति के गानों पर लोग झूमते नजर आ रहे थे। नजारा देख, गोरे दमनकारी ब्रितानियों को भारत से खदेड़ने छिड़े स्वतंत्रता संग्राम की याद ताजा हो रही थीं। उमर दराज लोगों ने कहा कि जैसा देश भक्ति की फिल्मों में देखा वैसा ही नजारा राजघाट का नजर आ रहा है।
उधर मीडिया ने अब बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के साथ चार और पांच जून को रामलीला मैदान में हुए दमन की खबरों को प्रमुखता देना लगभग कम कर दिया है। बाबा के राईट हेण्ड आचार्य बाल कृष्ण कल एकाएक हरिद्वार में प्रकट हुए और उन्होंने मीडिया से चर्चा के बाद कहा कि वे छिपकर बैठे थे, क्योंकि उनको जान का खतरा बना हुआ था। जब आचार्य बाल कृष्ण से पूछा गया कि बाबा रामदेव ने उन्हें किस मिशन पर लगाया था? के जवाब में आचार्य बाल कृष्ण बगलें झांकते ही नजर आए। अपनी नागरिकता की सफाई भी उन्होंने गोलमोल तरीके से ही दी। उन्होंने कबूल किया कि उनके माता पिता और सगे भाई नेपाल के नागरिक हैं, पर वे भारत के नागरिक हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें