खबर देने वालों को नहीं खबर ‘लाट साहेब की‘
महामहिम दिल्ली में और जनसंपर्क महकमा अनजान!
राज्यपाल को जरूरत होती है तब वे बुलाते हैं जनसंपर्क विभाग को
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर दिल्ली प्रवास पर हों और जनसंपर्क विभाग को खबर न हो, है न आश्चर्य की बात। जी हां! शुक्रवार एक जुलाई को रामेश्वर ठाकुर दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए और मध्य प्रदेश का सूचना केंद्र इससे अनजान रहा! महामहिम के प्रोटोकाल की दृष्टि से इसे गंभीर त्रुटि माना जा रहा है।
‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया‘ के स्थापना समारोह के अवसर पर रामेश्वर ठाकुर के मुख्य आतिथ्य के अलावा कार्पोरेट ममालों के मंत्री मुरली देवड़ा, राज्य मंत्री आर.पी.एन.सिंह, लोकसभा के उपाध्यक्ष के.रहमान खान, की उपस्थिति में मने इस प्रोग्राम में आईसीएआई की वेब साईट, कान्टेक्ट, प्रेक्टीशनर एवं सीए फर्म की वेब साईट आदि का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश को कव्हर करने वाले मीडिया पर्सन्स तब हैरत में पड़ गए जब दिल्ली से प्रकाशित अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन तो देखने को मिला किन्तु उन्हें मध्य प्रदेश सूचना केंद्र की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इस बारे में जब सूचना केंद्र में पदस्थ सूचना केंद्र के प्रभारी और अतिरिक्त संचालक सुरेंद्र द्विवेदी से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी इस तरह के किसी कार्यक्रम के बारे में अनिभिज्ञता ही प्रकट की।
इस बारे में राज्य पाल के प्रेस अधिकारी राजेश मलिक से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय से मध्य प्रदेश भवन को महामहिम की दिल्ली यात्रा की सूचना भेज दी गई थी। अमूमन इस बारे में मध्य प्रदेश सूचना केंद्र को अलग से कोई सूचना नहीं भेजी जाती है। अगर एसा हुआ है तो भविष्य में महामहिम की यात्रा और कार्यक्रमों की सूचना प्रथक से सूचना केंद्र दिल्ली को अवश्य भेजी जाएगी।
वहीं दूसरी ओर जनसंपर्क आयुक्त ने दूरभाष पर बताया कि महामहिम राज्य पाल को ‘अगर‘ आवश्यक्ता होती है तो वे जनसंपर्क महकमे के अधिकारियों को तलब कर पत्रकारों को सूचित करने के निर्देश देते हैं। दिल्ली में मध्य प्रदेश को कव्हर करने वाले पत्रकारों में यह चर्चा आम हो गई है कि जनसंपर्क विभाग का काम अब मंत्री और मुख्यमंत्री की सकारात्मक पब्लिसिटी का ही रह गया है। कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि महामहिम का कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत दुबारा उनकी पुर्ननियुक्ति नहीं होने से जनसंपर्क विभाग भी उन्हें हल्के में ही ले रहा है।
मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि महामहिम के भोपाल दिल्ली के बहुतायत में होने वाले दौरों से अधिकारी भी आजिज आ चुके हैं, फिर स्टेट की ओर से उन्हें व्हीव्हीआईपी ट्रीटमेंट देने का कोई विशेष फरमान भी तो नहीं आया है। कम ही लोग जानते हैं कि मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल पेशे से चार्टर्ड एकांउंटेंट हैं और वे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकांउंटेंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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