नरेंद्र मोदी हो सकते हैं राजग के पीएम इन वेटिंग
आड़वाणी की किस्मत में नहीं लाल किले की प्राचीर से संबोधन
रथ यात्राओं ने अब नहीं बदलने वाली आड़वाणी की किस्मत
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक बार फिर हिन्दुत्व के एजेंडे को वापस लाने के मूड में दिखाई दे रहा है। समूचे भारत में भारतीय जनता पार्टी की मट्टी पलीत से संघ के आला नेता नाखुश ही दिख रहे हैं। संघ के नेताओं का मानना है कि राजग के पीएम इन वेटिंग की गलत नीतियों का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। संघ के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर 2014 में भी भाजपा सत्ता से दूर रही तो आने वाले दिनों में भाजपा के साथ संघ का भी सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। मिशन 2014 के लिए भाजपा की ओर से अपेक्षाकृत युवा चेहरे नरेंद्र मोदी पर दांव लगाया जा सकता है।
गुजरात में सत्ता का परचम लहराने वाले नरेंद्र मोदी की छवि खाटी हिन्दुवादी नेता के तौर पर स्थापित हो चुकी है। भाजपा के समस्त मुख्यमंत्रियों में नरेंद्र मोदी को एक कुशल राजनेता और प्रशासक के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि नरेंद्र मोदी का प्रबंधन कमाल का है। गुजरात सरकार को छः लोग मिलकर ही चला रहे हैं। पर्दे के पीछे रहने वाले इन लोगों की नीतियों से नरेंद्र मोदी खुद को स्थापित कर पाए हैं। गुजरात में पिछले दिनों हुए निवेश ने सारे रिकार्ड ही ध्वस्त कर दिए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों विकीलीक्स केबल में भी इस बात के संकेत मिले थे कि गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी केंद्र में बड़ी भूमिका की तलाश में हैं। यद्यपि यह केबल 2005 के आधार पर था किन्तु 2009 के आम चुनावों में पुनः इस बात के संकेत मिले थे कि मोदी ही भाजपा के सबसे पसंदीदा चेहरा बनकर उभरे हैं। भाजपा के शिवराज सिंह चौहान की इमेज साधारण ग्रामीण की है किन्तु उनके दामन पर लगे भ्रष्टाचार के दागों के चलते वे पीएम मटेरियल नहीं बन पा रहे हैं। यह अलहदा बात है कि शिवराज की पीआर देख रहे लोग दिल्ली में उन्हें पीएम मटेरियल बनाने से नहीं चूक रहे हैं। इसके पीछे एमपी में तख्ता पलट की बात भी कही जा रही है। रही बात रमन सिंह की तो रमन सिंह ने अपने आप को छत्तीसगढ़ के औरे में ही कैद कर रखा है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का यह भी कहना है कि भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अगर वे 2014 तक भाजपाध्यक्ष की कुर्सी पर रहे तो निश्चित तौर पर वे भी नरेंद्र मोदी को ही आगे करेंगे। वैसे भाजपा और संघ में चल रही बयार के अनुसार राजग के पीएम इन वेटिंग लाल कृष्ण आड़वाणी को अब विश्राम देने के मूड में हैं अधिकांश नेता। इस लिहाज से देखा जाए तो बतौर प्रधानमंत्री आड़वाणी की किस्मत में लाल किले पर ध्वाजारोहण करना शायद नहीं लिखा है।
भाजपा में अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले दिनों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा की ओर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का पीएम इन वेटिंग घोषित कर दिया जाएगा। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनते ही अधिकांश पार्टियां जो धर्म निरपेक्ष होने का स्वांग रचती हैं वे एक झंडे तले आ सकती हैं। वैसे आज की स्थिति में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ कुंलांचे मारते हुए उपर बढ़ते ही जा रहा है।
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