शनिवार, 24 सितंबर 2011

सीपीआर की परवाह नहीं सूचना केंद्र को


सीपीआर की परवाह नहीं सूचना केंद्र को

राजनैतिक और निजी कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार कर रहा सरकारी विभाग

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। दिल्ली देश का दिल है और दिल्ली का दिल कहा जाता है कनाट प्लेस को। कनाट प्लेस दिल्ली का सबसे मंहगा व्यवसायिक इलाका है। इस इलाके में मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग का एक सूचना केंद्र भी है। इसका मूल काम सरकार की जनहितकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार का है। पिछले लगभग एक साल से यह सूचना केंद्र राजनैतिक और निजी कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है।

अनेक मामले एसे प्रकाश में आए हैं जब सूचना केंद्र द्वारा भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता कार्यालय के तौर पर काम किया गया है। कांग्रेस के आला नेताओं को भी इस बात की परवाह नहीं है कि मध्य प्रदेश की रियाया के गाढ़े पसीने की कमाई से संचित राजस्व को इस कार्यालय द्वारा निजी या राजनैतिक प्रयोजनों में खर्च किया जा रहा हो।

हाल ही सूचना केंद्र द्वारा भाजपा के राजनैतिक कार्यक्रम की विज्ञप्ति जारी की गई है। विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को नोट के बदले वोट मामले में निर्दोष रूप से फंसाये जाने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद प्रभात झा के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के पांच आदिवासी मंत्री, सभी आदिवासी सांसद और विधायकों ने गुरूवार 22 सितम्बर को राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से भेंट की । चित्र में राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल दिखाई दे रहा है।

पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा पहले भी इस विभाग के राजनीतिकरण पर नाराजगी व्यक्त की गई थी। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव ने पहले भी चर्चा के दौरान कहा था कि राजनैतिक कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार सरकारी कर्मचारी या कार्यालय द्वारा नहीं किया जा सकता है। इतने साफ निर्देशों के बाद भी सूचना केंद्र द्वारा राजनैतिक और निजी प्रोग्राम की ब्रेंडिंग करने से साफ हो जाता है कि सूचना केंद्र के अफसरान को जनसंपर्क आयुक्त की परवाह ही नहीं है।

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