अनेक व्हाईट कालर नप सकते हैं शहला मामले में
रसूखदारों के शामिल होने से जांच हो सकती है प्रभावित
तरूण विजय ने दिया था शहला को फिल्म बनाने का जिम्मा
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता शहला मसूद की मौत के बाद सीबीआई जांच आरंभ हो चुकी है। इसी के साथ अब शहला की हत्या या आत्महत्या का मामला भी सुलझने का इंतजार सबको है। दिल्ली के सियासी गलियारों में शहला मामले को लेकर सभी चोकन्ने ही दिखाई पड़ रहे हैं। इसकी वजह इस मामले में सांसद तरूण विजय का नाम आना है।
कहा जा रहा है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास के प्रमुख रहते हुए सांसद तरूण विजय ने शहला मसूद को स्वर्गीय मुखर्जी पर एक चलचित्र बनाने का काम सौंपा था। इसके बाद भी दोनों के बीच नजदीकियां भी बढ़ गईं थी। शहला इसके बाद मध्य प्रदेश के अनेक नेताओं के संपर्क में भी रही। ‘प्रोजेक्ट टाईगर‘ के सिलसिले में शहला की बैठकें और मुलाकातें तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश तथा तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ से भी हुईं।
सियासी गलियारों में चल रही बयार के अनुसार अगर जांच में कोई बाधा नहीं आई तो इसमें मनमोहन सरकार के दो मंत्रियों, जामिया के एक पूर्व उपकुलपति, राहुल गांधी के करीबी एक महासचिव, मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री, सीएम के एक रिश्तेदार, एक बलशाली विधायक, एक निगम अध्यक्ष, भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन आला अफसर और भारतीय पुलिस सेवा के दो अफसर भी इसकी जद में आ सकते हैं। चर्चा है कि दो बड़े अखबार ‘घरानों‘ के मालिकों तक भी इसकी आंच जा सकती है।
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