दीवाली के बाद फिटेंगे शिव के पत्ते
नवंबर में हो सकता है एमपी मंत्रीमण्डल में व्यापक फेरबदल
बड़बोले और निष्क्रिय मंत्रियों को दिया जाएगा विश्राम
दिल्ली के आकाओं के देहरियों चूम रहे मंत्री विधायक
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। 2013 में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रीमण्डल में अंतिम और अहम परिवर्तन नवंबर माह में कर सकते हैं। इसमें भ्रष्ट, लोकायुक्त, ईओडब्लू के निशाने वाले, बड़बोले, निष्क्रिय और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने वाले मंत्रियों को चुनाव तक आराम करने को कहा जा सकता है। इस बार नए चेहरों में युवाओं के साथ ही साथ महिलाओं को भी ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।
दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के झंडेवालान स्थित मुख्यालय ‘केशव कुंज‘ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि संघ ने मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को मंत्रीमण्डल फेरबदल के लिए फ्री हेण्ड दे दिया है। दरअसल संघ अभी सामाजिक कार्यकर्ता शेहला मसूद प्रकरण में भाजपा के राज्य सभा सांसद तरूण विजय का नाम आने से बैकफुट पर है, और वह कोई रिस्क लेने की स्थिति में नहीं है। सूत्रों ने कहा कि संघ चाहता है कि एमपी में मंत्रीमण्डल विस्तार तत्काल हो जाए ताकि लोगों का ध्यान इस मामले से हट सके।
उधर गणेशोत्सव के उपरांत 12 से 20 सितम्बर तक शिवराज चीन यात्रा पर जा रहे हैं। फिर पितरांे की समाप्ति के बाद ही नवरात्र आरंभ हो जाएंगी। नवरात्र के बाद शरद पूर्णिमा फिर दीपावली। इस लिहाज से दीवाली तक सभी पूरी तरह व्यस्त रहेंगे। गौरतलब है कि उज्जैन में पिछले दिनों हुई बैठक के बाद मंत्रीमण्डल फेरबदल की पदचाप सुनाई देने लगी थी।
सूत्रों ने कहा कि संघ के आला नेताओं के पास इस बात की खबरें आ रहीं हैं कि अपनी अपनी कुर्सी बचाने और कुर्सी पर काबिज होने की जुगत लगाने के लिए मंत्री और विधायकों द्वारा संघ मुख्यालय नागपुर के साथ ही साथ दिल्ली में संघ और भाजपा के आला नेताओं की चौखटांे पर नाक रगड़ी जा रही है। यही बात आला नेताओं को नागवार गुजर रही है।
सूत्रों ने कहा कि संघ के आला नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान को मशविरा दिया है कि प्रदेश में निष्क्रिय, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने वाले और बड़बोले नेताओं को तत्काल ही घर बिठा दिया जाए। साथ ही पिछले दिनों संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी और शिवराज सिंह चौहान के बीच हुई चर्चा में उक्त पदाधिकारी ने शिवराज को सहकारिता, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लोक कर्म विभाग, उच्च एवं स्कूली शिक्षा, सहकारिता, कृषि, सिंचाई, पर्यटन जैसे विभागों को मथने की बात भी कही है।
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