अण्णा को प्रथम नागरिक बनाने की तैयारी
प्रतिभा ताई के बाद अण्णा का आशियाना होगा रायसीना हिल्स पर!
आम चुनावों के अण्णा को पिंजरे में बंद करने की कवायद
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। अण्णा के रामलीला मैदान के सफलतम अनशन के बाद लोग उनकी तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से करने लगे थे। इंटरनेट पर तो अण्णा हजारे के चित्र वाले नोट भी बनकर आ गए थे। 16 अगस्त की धूम देशवासियों के सर चढ़कर बोल रही थी। लोगों का जोश और जुनून देखते ही बन रहा था। अण्णा प्रकरण में सत्ताधारी कांग्रेस के प्रबंधकों के सारे दांव उल्टे पड़ने के बाद अब सियासी दलों के नेता अण्णा की चौखट चूमते नजर आ रहे हैं।
अगले आम चुनावों में अगर अण्ण हजारे की दहाड़ एक बार फिर सुनाई पड़ी तो लोगों की भावनाओं का खिलवाड़ कर सत्ता की मलाई चखने वाले सियासी दल चारों खाने चित्त ही नजर आएंगे। इसी डर के चलते अब सियासी दलों के प्रबंधकों ने अण्णा के आसपास अपने ताने बाने बुनने आरंभ कर दिए हैं। प्रबंधकों का मानना है कि अण्णा जिस भी दल की गोद में बैठेंगे उसे चुनावों में खासा फायदा होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि अगले साल 2012 में जुलाई में देश का पहला नागरिक चुना जाना है एवं आम चुनाव मई 2014 में प्रस्तावित हैं। इस तरह अगर अण्णा को अपना उम्मीदवार बनाकर प्रस्तुत किया जाए तो निश्चित तौर पर यह संदेश जाएगा कि वह दल भ्रष्टाचार को मिटाने संकल्पित है। अण्णा का आशियाना रायसीना हिस्ल पर स्थित ब्रिटिश वायसराय जनरल के आवास यानी वर्तमान राष्ट्रपति भवन बनते ही अण्णा हजारे संवैधानिक मर्यादाओं के पालन के लिए पाबंद हो जाएंगे।
चर्चाओं के अनुसार शीर्ष सियासी दल कांग्रेस और भाजपा में इस विषय पर गंभीर मंथन भी चल रहा है। वैसे अण्णा के अनशन की समाप्ति पर यह संभावना व्यक्त की गई थी। उस वक्त ‘वे थे राष्ट्रपिता और ये होंगे राष्ट्रपति‘ शीर्षक की खबर ने सियासी हल्कों में तहलका भी मचाया था।
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