शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

किसके दस लाख लेकर जा रहे थे सांसद!


किसके दस लाख लेकर जा रहे थे सांसद!

गरीब जनसेवक के दस लाख ने खड़े किए अनेक प्रश्न

कामन वेल्थ के भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय देने का आरोप है दीक्षित की माता पर


(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। बुधवार की रात को भोपाल एक्सप्रेस से निजामुद्दीन से रवाना हुए दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित को लेकर अब सियासत गर्माती दिख रही है। गुरूवार को रेल के सफाई कर्मी को एक बैग मिला जिसमें दस लाख रूपए थे। ये बैग दक्षिण दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित का है। ज्ञातव्य है कि संदीप की मां श्रीमति शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं, जिन पर कामन वेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचारियों को बचाने के संगीन आरोप हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह सवा सात बजे यह रेल हबीबगंज पहुंची जहां संदीप दीक्षित उतरे। इसके बाद यह ट्रेन आठ बजे के लगभग यार्ड में चली गई। दोपहर को जब सफाई कर्मियोें ने इसकी सफाई आरंभ की तब उन्हें एक बैग मिला। पतासाजी पर यह बैग सांसद संदीप दीक्षित का पाया गया। सांसद विधायक खुद को काफी गरीब ही बताकर अपने वेतन भत्ते बढ़वाते रहते हैं। एक गरीब सांसद के द्वारा दस लाख रूपए की रकम नकद लेकर चलने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं फैलना स्वाभाविक ही है।

अगर यह रकम संदीप दीक्षित की है तो वे इसके स्त्रोत को अवश्य ही उजागर करें। अगर वे किसी अन्य की रकम ले जा रहे थे तो इतनी बड़ी रकम ले जाने का जोखम उन्होंने क्यों उठाया? क्या सांसद संदीप दीक्षित किसी के लिए पैसे लाने ले जाने का काम करते हैं? इतनी बड़ी रकम आखिर किस बैंक से निकाली गई? क्या इतनी बड़ी रकम निकासी के वक्त बैंक द्वारा इसकी सूचना आयकर विभाग को दी थी?

आयकर के एक विशेषज्ञ का कहना है कि समरथ को नहीं दोष गोसाईं। अगर किसी आम आदमी के पास एक लाख रूपए भी मिल जाते तो पुलिस और आयकर विभाग नहा धोकर उसके पीछे पड़ जाता। यह मामला एक सम्मानीय और हाई प्रोफाईल सांसद का है, इसलिए इस मामले में ज्यादा कुछ निकलने की उम्मीद नहीं है। मामला जल्द ही ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया जाएगा।

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