सोमवार, 3 अक्टूबर 2011

लालू से मिलने का भी नहीं हुआ कोई फायदा


0 सिवनी से चलेगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 9

फरवरी 2006 में कांग्रेस का प्रतिनिधिमण्डल मिला था लालू से

हरवंश सिंह के नेतृत्व में दो मर्तबा रेल मंत्री से मिलने का भी नहीं हुआ कोई लाभ

कांग्रेस के क्षत्रपों ने भी बनाई सिवनी के विकास से पर्याप्त दूरी

पेंच के लिए कमल नाथ से लगाई थी गुहार

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। सिवनी में रेल संघर्ष समिति का अभ्युदय हुआ और मामला कुछ हद तक इस समिति के पक्ष में आता दिखा। श्रेय की राजनीति के चलते कांग्रेस और भाजपा के लंबरदारों ने इस मामले को किसी ओर के हाथ चले जाने के भय से अब सक्रिय होना आरंभ कर दिया। फरवरी 2006 में कांग्रेस के कद्दावर नेता हरवंश सिंह ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल दिल्ली आया और अनेक मांगें जिनमें छिंदवाड़ा नैनपुर का अमान परिवर्तन भी शामिल था को लेकर तत्कालीन मंत्रियों से मुलाकात की।

लालू से चर्चा के दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने छिंदवाड़ा से नैनपुर (मण्डला फोर्ट तक नहीं) के रेल खण्ड के अमान परिवर्तन की मांग की। इसके बाद जब लालू यादव केंद्रीय मंत्री कमल नाथ की कर्मभूमि छिंदवाड़ा आए और छिंदवाड़ा नागपुर के अमान परिवर्तन की आधार शिला रखी तब भी सिवनी के कांग्रेसी नेताओं ने लालू यादव से इसकी मांग दुहराई। लालू प्रसाद यादव ने अपने चिर परिचित अंदाज में फिर से इसे मुस्कुराकर टाल दिया।

केंद्रीय मंत्री कमल नाथ, सिवनी के क्षत्रप हरवंश सिंह ठाकुर की उपस्थिति में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव का यह आश्वासन कितना कोरा था इसका पता जल्द ही लग गया। कुछ दिनों बाद छिंदवाड़ा दौरे पर आए मण्डल रेल प्रबंधक नागपुर से जब मीडिया ने लालू यादव के आश्वासन की चर्चा की थी,, तो ठेठ देसी अंदाज में उन्होंने कहा था कि मंत्री का आश्वासन नहीं वे रेल्वे बोर्ड के रूक्के (आदेश) पर काम करते हैं। जाहिर था रेल मंत्री ने आश्वासन दिया था इसके लिए विभाग से कोई आदेश जारी ही नहीं हुआ था तो डीआरएम कैसे काम आरंभ करवाते।

हालात देखकर सिवनी वासियों के मन में एक ही बात उठ रही थी कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही यह नहीं चाह रहे थे कि सिवनी में छोटी लाईन पर चलने वाली नेरो गेज रेल की न तो गति बढ़े और न ही सिवनी वासियों को ब्राडगेज की सुविधा मिले। सिवनी के सांसदों ने अमान परिवर्तन के लिए उपयुक्त मंच जिसे संसद के नाम से जाना जाता है में छिंदवाड़ा से नैनपुर के बीच के खण्ड के अमान परिवर्तन की बात न रखना अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं माना जा सकता है।

सिवनी लोकसभा विलोपन के पूर्व में सांसदों ने इस मांग को लोकसभा में क्यों नहीं उठाया इसका जवाब तो वे ही बेहतर तरीके से दे सकते हैं। उन्होंने जनता के विश्वास और प्यार के साथ क्या विश्वास घात किया है इसका जवाब भी उन्हें ही देना है। वर्तमान में बालाघाट संसदीय क्षेत्र जिसमें सिवनी और बरघाट विधानसभा का समावेश है के सांसद के.डी.देशमुख और मण्डला संसदीय क्षेत्र जिसमें लखनादौन और केवलारी विधानसभा का समावेश है के सांसद बसोरी सिंह मसराम ने लोकसभा में प्रश्न क्यों नहीं उठाया है इसका जवाब जनता अवश्य जानना चाह रही है। साथ ही साथ जनता को यह जानने का भी हक है कि क्या दोनों ही सांसद महोदय आने वाले लोकसभा सत्र में इस प्रश्न को लोकसभा में गुंजायमान करने की जहमत उठाएंगे या फिर इसके लिए भी उन्हें जगाने के लिए जनता को ही आगे आकर आंदोलन जैसे तरीकों को अपनाना होगा?

(क्रमशः जारी)

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