रविवार, 9 अक्टूबर 2011

चिदम्बरम प्रणव की जंग के पीछे अंबानीज़


चिदम्बरम प्रणव की जंग के पीछे अंबानीज़

अनिल और मुकेश ने साध रखा आला राजनेताओं को

सियासी धुरी घूम रही है अनिल मुकेश के आसपास

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। जीरो से हीरो बनने वाले अंबानीज़ ब्रदर्स के इर्द गिर्द इन दिनों सियासी धुरी घूमती नजर आ रही है। अनिल अंबानी ने पलनिअप्प्म चिदंबरम, कपिल सिब्बल, कमल नाथ और सलमान खुर्शीद को साधा है तो मुकेश सीधे सीधे प्रणव मुखर्जी की गुड बुक्स में हैं। इन दोनों भाईयों के झगड़े की छाया सरकार में भी दिखाई देने लगी है।

गौरतलब है कि धीरू भाई अंबानी के अवसान के उपरांत उनके दोनों ही पुत्रों में घमासान मचा हुआ है। कहते हैं इस विवाद को हवा दी थी एक समाजवादी नेता ने। उन्हीं के कारण भाई भाई के बीच दीवारखड़ी हो गई थी। इस लड़ाई में जब के.जी.बेसिन का मुद्दा सामने आया तब तो दोनों भाई आग बबूला ही हो उठे।

मुकेश अंबानी के करीबी सूत्रों का कहना है कि जब उन्हें यह बताया गया कि इस मामले को हवा देने का काम अनिल कैंप द्वारा किया गया है तब उनके गुस्से का ठिकाना नहीं रहा। प्रणव मुखर्जी से मुकेश की करीबी जगजाहिर है। उधर केंद्र में प्रणव मुखर्जी और पलनिअप्पम चिदम्बरम के बीच रार चल रही है। फिर क्या था दोनों ही भाईयों ने अपने अपने हिसाब से पत्ते फेंके और प्रणव मुखर्जी वर्सेस चिदम्बरम का शुरू हो गया खेल।

जब यह मामला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के दरबार में पहुंचा तब दोनों ही ने अपने अपने तरीके से सोनिया को समझाने की कोशिश की। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के सूत्रों का कहना है कि प्रणव ने अपनी शिकायत में सोनिया को बताया कि जब उन्होंने वहां आने से पहले चिदम्बरम से चर्चा की और उसके तुरंत बाद ही दोनों के बीच की चर्चा समाचार चेनल्स पर जस की तस ही दिखाई जा रही है। घर की बातें मीडिया तक न पहुंचाई जाएं तो बेहतर होगा। इशारों ही इशारों में राजनीति के चतुर सुजान प्रणव ने अपनी बात कह ही दी कि वरना बात निकली है तो दूर तलक जाएगी . . . की तर्ज पर कांग्रेस को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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