बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 3
कांग्रेस के लिए टर्निंग प्वाईंट होगा अगला आम चुनाव
अर्थशास्त्री नहीं राजनैतिक व्यक्ति चाहिए पीएम पद के लिए
योजना आयोग को कोसने वाले मंत्रियों ने खोला अपना मोर्चा
टीम अण्णा के वन टू वन हमले से कांग्रेसी बैचेन
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव टर्निंग प्वाईंट से कम नहीं होंगे। इन चुनावों के परिणाम से साफ हो जाएगा कि कांगेस का भविष्य क्या होने वाला है। कांग्रेस में अब यह बात उभरकर सामने आने लगी है कि देश को अर्थशास्त्री नहीं राजनैतिक समझ बूझ वाला प्रधानमंत्री चाहिए है। उधर योजना आयोग से खफा मंत्रियों ने भी अपनी तलवार पजानी आरंभ कर दी है।
कांग्रेस के अंदरखाने में चल रही चर्चाओं में कांग्रेसी भविष्य को लेकर भयाक्रांत नजर आ रहे हैं। टीम अण्णा के सीधे कांग्रेस के उपर वन टू वन हमले से आला नेताओं की बैचेनी बढ़ती ही जा रही है। हिसार में टीम अण्णा के कांग्रेस विरोधी रवैए से कांग्रेस अब मनमोहन को हटाने के लिए आतुर नजर आने लगी है। हिसार के चुनाव परिणाम अगर कांग्रेस के खिलाफ आते हैं तो इसके उपरांत मनमोहन की बिदाई के लिए दबाव चरम पर आ जाएगा।
दस जनपथ के सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी को एक सूची सौंपी गई है जिसमें योजना आयोग और पीएमओ से नाराज मंत्रियों का जिकर किया गया है। विपक्ष के सरकार को कमजोर करने के मनमोहन सिंह के आरोप पर नेताओं ने साफ तौर पर कह दिया कि मनमोहन यह साफ करें कि उनका आशय कांग्रेस के अंदर के विरोधियों से है या बाहर के।
सूत्रों ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय और योजना आयोग का कांग्रेस संगठन से सामंजस्य नहीं बन पा रहा है। कांग्रेस के अंदर उबाल मचा हुआ है कि सरकार पर जो संकट के बादल मण्डरा रहे हैं उनमें से अधिकांश अर्थशास्त्र से संबंधित नहीं वरन् राजनैतिक हैं। वहीं अख्खड़ मंत्रियों द्वारा कांग्रेस के सांसदों को तवज्जो न दिया जाने का मामला भी गर्मा रहा है। इसके साथ ही साथ सूबों के वे क्षत्रप जो सरकार में सत्ता की मलाई चख रहे हैं वे भी अपने अपने सूबे के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को बुरी तरह उपेक्षित ही रखे हुए हैं।
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