बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 5
मीरा कुमार पर लगा सकती है कांग्रेस दांव
दलित कार्ड में सुशील शिंदे भी हो सकते हैं दावेदार
मिशन यूपी में कारगर सिद्ध होगा दलित कार्ड
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सत्ता कांग्रेस किसी भी कीमत पर हथियाने को आतुर दिख रही है। इसका कारण यह है कि अगर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में खेत रहती है तो फिर कांग्रेस की भद्द इसलिए भी पिटेगी क्योंकि उत्तर प्रदेश में ही कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है। इसके पहले भी कांग्रेस के प्रधानमंत्री स्व.श्रीमति इंदिरा गांधी और स्व.राजीव गांधी का संसदीय क्षेत्र भी उत्तर प्रदेश में ही समाहित रहा है। बावजूद इसके कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपना प्रदर्शन नहीं सुधार पाई है।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सोनिया के दबाव में आकर ही भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री का ईयर मार्क सरकारी आवास 10 जनपथ से हटाकर 7 रेसकोर्स रोड़ किया गया था। इसके उपरांत भी दस जनपथ सत्ता और शक्ति का केंद्र बना हुआ है। सूत्रों ने साफ किया कि श्रीमति सोनिया गांधी को बताया गया है कि दलित वोट बैंक कांग्रेस के हाथ से इसलिए फिसला क्योंकि दलित होने के कारण बाबू जगजीवन राम को देश का प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया था। अब इस तरह के आरोप सार्वजनिक तौर पर यूपी की निजाम मायावती द्वारा लगाए जा रहे हैं जो कांग्रेस के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार दलित वोट बैंक को लुभाने और वापस कांग्रेस की झोली की ओर लाने के लिए अब कांग्रेस दलित कार्ड खेल सकती है। सूत्रों का कहना है कि घपलों घोटालों में आकण्ठ डूबी मनमोहन सरकार से कांग्रेस अध्यक्ष बुरी तरह खफा हैं। सोनिया और राहुल दोनों ही मनमोहन से निजात पाने के मार्ग ढूंढने में लगे हुए हैं। कांग्रेस के दोनों ही खेवनहार अब मनमोहन के विकल्प के तौर पर सुशील कुमार शिंदे और मीरा कुमार के बारे में विचार करने लगे हैं।
बताया जाता है कि इस कार्ड के जरिए कांग्रेस एक तीर से कई शिकार कर लेगी। अव्वल तो वह उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के दलित वोट बैंक में सेंध लगा देगी वहीं दूसरी ओर देश का ध्यान घपले घोटाले और भ्रष्टाचार से हटाने में भी वह सफल हो जाएगी। कांग्रेस के चुनावी प्रबंधक अब लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे के प्रधानमंत्री बनाए जाने से उपजने वाली परिस्थितियों पर मंथन में लगे हुए हैं।
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