सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

स्वामी से नजदीकी खा जाएगी मन को


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 10

स्वामी से नजदीकी खा जाएगी मन को

सोनिया के घुर विरोधी हैं सुब्रम्हणयम स्वामी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। नेहरू गांधी परिवार (महात्मा गांधी नहीं) के घुर विरोधी सुब्रम्हणयम स्वामी से वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह की नजदीकी कांग्रेस आलाकमान को बुरी तरह खल रही है। पीएम जब भी स्वामी से मिलते हैं बहुत ही गर्मजोशी और प्यार से मिलते हैं। दो अक्टूबर के एक प्रोग्राम में प्रधानमंत्री ने जब स्वामी को सोनिया गांधी के बाजू में बिठाने की हिमाकत की तो सोनिया का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया था।

गांधी जयंती पर आहूत एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के बाजू में सोनिया गांधी फिर उनके बाजू में प्रोफेसर रामगोपाल यादव बैठे थे। जब स्वामी वहां पहुंचे तो वजीरे आजम डॉ.सिंह ने अपने शागिर्द को इशारा कर उन्हें रामगोपाल यादव के बाजू में आसन देने को कहा। सोनिया चुपचाप सब कुछ देख रहीं थीं। सोनिया की भाव भंगिमाएं बता रहीं थीं कि उन्हें मनमोहन का यह काम पसंद नहीं आया।

सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि सोनिया के भाजपाई उच्च पदस्थ कनेक्शन्स ने उन्हें सूचना दी है कि स्वामी को भाजपा में भी मान सम्मान मिल रहा है। इसका कारण स्वामी का सोनिया और उनके परिवार पर सीधा निशाना साधना है। सूत्रों की मानें तो सोनिया को यह भी बताया गया है कि भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के आवास पर स्वामी घंटों बिताते हैं। वहीं भाजपा के थिंक टेंक्स के द्वारा स्वामी के तरकश को सोनिया और उनके परिवार विरोधी तीरों से भरा जाता है। यह जानकारी मिलते ही सोनिया ने इसका और मनमोहन का स्वामी को तवज्जो देने के समीकरणों को जोड़कर देखा जाने लगा है।

(क्रमशः जारी)

कोई टिप्पणी नहीं: