गुरुवार, 3 नवंबर 2011

आमने सामने हैं पंवार और सरकार!

आमने सामने हैं पंवार और सरकार!

अचानक ही उग्र तेवर हो गए हैं मराठा क्षत्रप के

पवार के रूख से डैमेज कंट्रोल की तैयारी में जुटी कांग्रेस

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। सरकार और शरद पंवार दोनों ही इस वक्त रणभूमि के योद्धा की भांति ही नजर आ रहे हैं। शरद पंवार को आखिर एकाएक क्या हो गया इस बात की तह में जाने का असफल प्रयास कर रहे हैं। उधर पंवार हर रोज अन्य राजनैतिक दलों के नेताओं से मंत्रणा में लगे हुए हैं। पंवार के तल्ख तेवरों से भयाक्रांत कांग्रेसी अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।

पंवार के करीबियों का कहना है कि यह पंवार का अब तक का सबसे बड़ा हमला है। पंवार इन दिनों ममता बनर्जी, मुलायम सिंह यादव, नवींन पटनायक, जयललिता, बाला साहेब ठाकरे जैसे कांग्रेस के पक्ष और विपक्ष वाले नेताओं के संपर्क में हैं। भाजपा और संघ में उनकी गहरी पकड़ जगजाहिर ही है। भाजपा के नितिन गड़करी उनके अच्छे मित्रों में से हैं तो एल.के.आड़वाणी पर पंवार के अनेक कर्ज बताए जा रहे हैं। आड़वाणी की जनचेतना यात्रा में पंवार ने अघोषित तौर पर बेहतरीन सहयोग देकर उनका दिल जीता है।

पंवार के करीबियों का कहना है कि इसी माह के दूसरे सप्ताह में पंवार के तेवरों की तल्खी बर्दाश्त करना कांग्रेस को मुश्किल पड़ सकता है। सरकार और कांग्रेस भी अब पंवार के सारे तीरों की काट खोजने में लग चुकी है। पंवार के कुछ व्यवसायिक हित साधने वाले मित्र इन दिनों तिहाड़ की हवा खा रहे हैं। इन मित्रों के बारे में अहम टिप्पणियां सरकारी रिकार्ड की शोभा बढ़ा रही हैं जो मुश्किल समय में पंवार को मुश्किल में डालने के काम आएंगी।

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