गुरुवार, 3 नवंबर 2011

मतलब शिवराज पी एक केंद्र की इमदाद!

मतलब शिवराज पी एक केंद्र की इमदाद!

कहां गए सड़क सुधार के बीस हजार करोड़!

कमल को चुभने लगा शिव का त्रिशूल

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। छिंदवाड़ा जिले के कद्दावर सांसद और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हनीमून अब समाप्त ही दिख रहा है। तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ की तारीफों में मुख्यमंत्री ने अपनी हर दिल्ली यात्रा में कशीदे गढ़े, पर कमल नाथ का हालिया रोद्र रूप देखकर शिवराज की घिघ्घी बंधना स्वाभाविक ही है। अपनी कर्मभूमि में कमल नाथ द्वारा शिवराज सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में आड़े हाथों लिए जाने को लेकर अब दिल्ली की सियासत सर्दियों में गर्माने सी लगी है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार एक ओर कमल नाथ की तारीफों में तरन्नुम गा रही थी, वहीं दूसरी ओर भाजपा के निजाम प्रभात झा ने कमल नाथ को घेरने की दो मर्तबा रणनीति बनाई। पिछले साल प्रभात झा ने दो बार घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश में जिन जिन जिलों से होकर नेशनल हाईवे जा रहा है वहां वहां मानव श्रंखला और हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। दोनों ही बार प्रभात झा को कमल नाथ के सामने हथियार डालने पड़े। घोषणा करने के बाद भी जिलों में इस प्रोग्राम को अमली जामा पहनाने के निर्देश नहीं पहुंचाए गए।

उधर हाल ही में अपने संसदीय क्षेत्र में वर्तमान भूतल परिवहन सी.पी.जोशी के साथ पहुंचे कमलनाथ ने राज्य के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सूबे में भ्रष्टाचार चरम पर है। वे यहां तक बोल गए कि किसी भी कार्य को निपटाने के बकायदा रिश्वत देने पड़ते हैं। पैसा दिए बगैर कोई काम नहीं होता। वहीं उनके इस बयान पर पूरी भाजपा के अंदर खलबली की स्थिति पैदा हो गई है।

कमल नाथ की इस ललकार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुप्पी आश्चर्यजनक ही मानी जा रही है। दरअसल कमल नाथ मंगलवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में आयोजित सड़कों के भूमि पूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उनके साथ आए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सीपी जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गाे के लिए भरपूर राशि दी है। लेकिन अब गूगल अर्थ के आधार पर क्षतिग्रस्त सड़कों का ब्योरा देने पर ही राशि दी जाएगी। अपने इलाके से जुड़ी सड़कों को सुधारने के लिए कमलनाथ खासतौर पर जोशी को लेकर आए थे।

यहां उल्लेखनीय है कि महाकौशल में कांग्रेस के निर्विवादित क्षत्रप के बतौर कमल नाथ स्थापित हैं। महाकौशल के सिवनी जिले से होकर गुजरने वाले उत्तर दक्षिण गलियारे में पर्यावरण का फच्चर जान बूझकर इसलिए फसाए जाने के आरोप कमल नाथ पर लगे क्योंकि वे इस सड़क को छिंदवाड़ा से लेकर जाना चाह रहे थे। आज सिवनी जिले में चारों तरफ से सड़क मार्ग से आने वाले वाहनों के यात्री धूल में सराबोर इसलिए हो रहे हैं क्योंकि यहां गड्ढ़ों में सड़कें खोजना पड़ रही हैं। इन परिस्थितियों में सी.पी.जोशी का कितना लाभ सिवनी सहित महाकौशल के अन्य जिलों को मिल पाएगा कहा नहीं जा सकता है।

तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री और वर्तमान शहरी विकास मंत्री कमल नाथ का कहना था कि जब वे भूतल परिवहन विभाग के मंत्री थे तो मध्य प्रदेश को बीस हजार करोड़ से भी ज्यादा राशि जारी की गई। केंद्र सरकार ने विकास के मामले में कभी कोई भेदभाव नहीं किया। जितनी राशि यूपीए के कार्यकाल में दी जा रही है, उतनी कभी नहीं दी गई। मगर पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। कमलनाथ ने महाकौशल और नर्मदांचल से बटोर कर लाई गई जनता से भ्रष्टाचार पर हामी भी भरवाई।

देश के हृदय प्रदेश को भ्रष्टतम करार देते हुए कमलनाथ ने कहा कि पूरे देश में सबसे भ्रष्ट मध्य प्रदेश है। उन्होंने मुख्यमंत्री सहित भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में जब तक कमीशन तय नहीं होता तब तक कोई भी काम शुरू नहीं होते। और तो और जोशी ने यह भी कहा कि जिस तरह केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने पूरे प्रदेश की चिंता करते हुए अपने कार्यकाल में सड़कों के लिए 20 हजार करोड़ की राशि मंजूर की, उसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी बगैर भेदभाव किए विकास कार्य करने चाहिए।

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