बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 39
शक्तिशाली तिकड़ी में खिंच चुकी हैं तलवारें
पीएम, एफएम और एचएम के बीच नहीं रहा एका
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। देश की सबसे ताकतवर तिकड़ी वजीरेआजम (पीएम) डॉ.मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी (एफएम) और गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदंबरम (एचएम) के बीच अब समन्वय नहीं बचा है। वर्चस्व की जंग में तीनों महारथी अब एक दूसरे की जड़ें काटने की जुगत में लग चुके हैं। कांग्रेस की आलाकमान भले ही तीनों के बीच मचे इस घमासान पर पानी डालने के मुगालते में हो पर सच्चाई इससे इतर ही नजर आ रही है। तीनों महारथी अभी भी अंदर ही अंदर तलवारें पजा रहे हैं।
सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार एचएच और एफएम के बीच के रिश्ते अभी भी सामान्य नही नजर आ रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र में ही इनके बीच की रार उभरकर सामने आ सकती है। प्रणव मुखर्जी और चिदम्बरम के बीच की जंग अब उनके पुत्रों की जासूसी पर आकर टिक गई है जिससे लोग भयभीत हैं कि इनके बीच का शीत युद्ध भभक न जाए।
संसदीय इतिहास में पहली बार एसा हो रहा है कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री के बीच संबंध सामान्य न हों। इन तीन संवैधानिक पदों के बीच पहली बार तलवारें खिचीं नजर आ रही हैं। आलम इस कदर बिगड़ चुका है कि सत्ता के संवैधानिक केंद्र तीनों केंद्र एक दूसरे की जासूसी में लगे हुए हों। तीनों के साथ ही साथ कांग्रेस भी इस तथ्य से अनजान ही नजर आ रही है कि अगर इस राज से पर्दा हटेगा तो तीनों के साथ ही साथ कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ही बेपर्दा नग्न नजर आएगी।
(क्रमशः जारी)
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