प्रणव की राहुल भक्ति के निहितार्थ
दिग्गी राजा का स्थान लेना चाह रहे प्रणव
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी इन दिनों राहुल गांधी के लिए हनुमान बने हुए हैं। राहुल गांधी को अगला वजीरे आजम बनवाने के प्रणव के बयानों से सियासी हलचल मच गई है। कांग्रेस के नेता ही चतुर सुजान प्रणव दा के इस तरह के बयानों के निहितार्थ सियासी गलियारों में खोजे जाने लगे। प्रणव मुखर्जी ने वैसे भी रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमाने की अपनी अनिच्छा जाहिर की जा चुकी है।
सियासी गलियारों में अभी प्रणव के बयानों पर शोध चल ही रहा था कि खुद प्रणव मुखर्जी ने अपनी मंशा को इशारों ही इशारों में जाहिर कर दिया। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के सूत्रों का कहना है कि पिछली मुलाकात में प्रणव मुखर्जी ने सोनिया गांधी के सामने साफ कर दिया है कि अगर राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व या वजीरे आजम पद संभालते हैं तो वे राहुल के लिए चाणक्य की भूमिका निभाने को सहर्ष तैयार हैं।
गौरतलब है कि वर्तमान में राहुल गांधी के अघोषित राजनैतिक गुरू और चाणक्य की भूमिका में महासचिव राजा दिग्विजय सिंह हैं। दिग्विजय सिंह की शातिर चालों के आगे प्रणव मुखर्जी की एक नहीं चल पाती है। वैसे भी प्रणव दा ने सोनिया को कह दिया है कि वे राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी नहीं रख रहे हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि सोनिया मैया को प्रसन्न करने के लिए प्रणव मुखर्जी ने भावावेष में यह तक कह दिया कि अगर राहुल गांधी पीएम बनते हैं तो वे राहुल के नेतृत्व में वित्त या गृह मंत्री का पद भी संभालने को तैयार हैं।
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