फिर केंद्रीय मंत्रीमण्डल फेरबदल की सुगबुगाहट
विधानसभा चुनावों के मद्देनजर फेंटे जा सकते हैं पत्ते
मंत्रियों को संगठन में लाने की चर्चाएं
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की दूसरी पारी में एक बार फिर केंद्रीय मंत्रीमण्डल में फेरबदल की सुगबुहाटें तेज हो गईं हैं। यद्यपि दबी जुबान से इसकी चर्चा चल रही है फिर भी लोकसभा के शीत कालीन सत्र के पहले एक छोटे फेरबदल की संभावनाओं से कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्र इंकार नहीं कर रहे हैं। सियासी हल्कों में कयास लगाए जाने लगे हैं कि संसद के 21 नवंबर से आहूत शीतकालीन सत्र के पहले कांग्रेस अपने सत्ता और संगठन के पत्ते फेंट लें।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि सोनिया के रणनीतिकारों ने उन्हें मशविरा दिया है कि शीतकालीन सत्र के एन पहले कांग्रेस और सरकार का चेहरा मोहरा ठीक ठाक कर लिया जाए। इसे पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
इन पांच राज्यों के चुनावों के मद्देनजर अनेक हेवीवेट मंत्रियों को वहां से हटाकर संगठन की जिम्मेवारी देने पर भी विचार किया जा रहा है। चूंकि वर्तमान में नेताओं के लाल बत्ती प्रेम के कारण संगठन चरमरा गया है इसलिए अब सोनिया गांधी हेवी वेट नेताओं पर लगाम कसने की अपनी तैयारी पूरी कर रही है। इसके लिए सोनिया ने चाबुक चलाने का भी फैसला लिया है।
उधर महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में भी मुख्यमंत्री भी कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी के रडार पर हैं अतः उनके स्थान पर नए नेता की खोज जारी है। सोनिया और राहुल जुंडाली का कहना है कि इन राज्यों में केंद्रीय मंत्रियों को ही फिट करना मुनासिब लग रहा है। यद्यपि इस तरह की चर्चाएं बहुत ज्यादा वजनदारी से नहीं की जा रही हैं किन्तु फिर भी सूत्रों ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इस माह के पहले पखवाड़े की समाप्ति के पहले ही फेरबदल को अंजाम दे दिया जाएगा।
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