मिशन 2013 के मद्देनजर प्रशासनिक सर्जरी की कवायद
शिव के पसंदीदा पाएंगे मैदानी पदस्थापना
कलेक्टर्स और एसपी को लेकर पत्ते फेंट रहे शिव
प्रशासनिक सर्जरी में शिव का होगा प्रभात!
(नंद किशोर)
भोपाल। 2013 में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अब प्रशासनिक सर्जरी की कवायद आरंभ हो गई है। माना जा रहा है कि अब जिन अफसरों की तैनाती मैदानी क्षेत्रों में की जाएगी उन्हें 2013 तक हटाया नहीं जाएगा। वे ही अधिकारी विधानसभा के चुनाव करवाएंगे। राजनैतिक वीथिकाओं में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को काफी हद तक चुनाव जितवाने के लिए जवाबदेह माना जाता है यही कारण है कि शिवराज भी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों में अपने पसंदीदा अफसरों की फेहरिस्त बनाने में जुट गए हैं। इस तरह की प्रशासनिक सर्जरी में संगठन को कितना साधा जा सकेगा यह बात भविष्य के गर्भ में ही है।
शिवराज सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अपनी तीसरी पारी खेलने के लिए आतुर दिख रहे हैं। इसके लिए वे प्रशासनिक कसावट लाने के सारे उपायों पर विचार कर रहे हैं। उधर संगठन में शिवराज विरोधियों ने भी अपने पत्ते बिछाने आरंभ कर दिए हैं। भाजपा का एक धड़ा प्रदेश के भाजपाई निजाम प्रभात झा को सीएम बनाने के लिए लाबिंग कर रहा है। मौजूदा मंत्रीमण्डल के सदस्यों में प्रभात और शिव के समर्थकों के धड़े बट चुके हैं। भाजपा में चर्चा जोरों पर है कि प्रशासनिक सर्जरी में शिवराज सिंह और प्रभात झा के बीच टकराव की नौबत भी आ सकती है।
सूत्रों ने कहा कि ग्वालियर के जिलाधिकारी आकाश त्रिपाठी को मुख्यमंत्री अपनी कोर कमेटी में रखना चाह रहे हैं, इसलिए उनका मुख्यमंत्री सचिवालय में जाना तय माना जा रहा है। त्रिपाठी के स्थान पर राजगढ़ के जिलाधिकारी एम.बी.ओझाा के लिए कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रयासरत हैं, ताकि महाराजा सिंधिया के गढ़ में सेंध लगाई जा सके। वहीं कुछ नेता सिंगरोली कलेक्टर पिरकीपण्डला नरहरि को ग्वालियर ले जाने आतुर दिखाई दे रहे हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को भी मथा जा सकता है। नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी में प्रदस्थ प्रशांत मेहता की सेवानिवृति के बाद यह पद रिक्त है। इस पद पर एसीएस स्तर के अधिकारी की पदस्थापना किए जाने के संकेत मिले हैं। दिल्ली में मध्य प्रदेश की आवासीय आयुक्त लवलीन कक्कड़ भी प्रदेश वापसी की इच्छुक बताई जा रही हैं। उन्हें इस पद पर बिठाया जा सकता है। कक्कड़ के अलावा परिवहन की एसीएस आभा आस्थाना, या वन विभाग के एसीएस स्वदीप सिंह भी इस पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।
मंत्रालय में पदस्थ वरिष्ठ आईएएस में राजकिशोर स्वाई, आई.एन.दाणी, डी.के.सामंतरे, डॉ.देवराज बिरदी, अलका उपाध्याय, आशीष उपाध्याय के विभागों में भी फेरबदल की उम्मीद जताई जा रही है। आईपीएस लाबी इस बात से भी खफा नजर आ रही है कि राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के अफसरों को जिलों में पुलिस अधीक्षक बनाकर बिठा दिया गया है। अनेक आईपीएस अधिकारी अपनी जमीनी तैनाती के लिए मारे मारे फिर रहे हैं वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी जिलों में पुलिस अधीक्षक बने बैठे हैं।
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