कमल नाथ ने फिर दिखाई सिवनी से नाराजगी
केंद्रीय मंत्री रहते नहीं दी अब तक कोई सौगात
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। महाकौशल के क्षत्रप और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ सिवनी जिले से बेहद खफा नजर आ रहे हैं। सिवनी जिले में उनका झंडा डंडा उठाने वाले चाहे जितनी बार भी उनकी देहरी पर माथा रगड़ लें पर भोले बाबा प्रसन्न होते नहीं दिख रहे हैं। हाल ही में प्रदेश के दस शहरों को पेयजल मुहैया करवाने के लिए सवा सौ करोड़ रूपए आवंटित करने के बाद भी उस फेहरिस्त में सिवनी जिला स्थान नहीं पा सका है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर और सिवनी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी रहे राजकुमार खुराना कमल नाथ के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। बावजूद इसके दोनों ही नेताओं द्वारा कमल नाथ से सिवनी जिले के लिए कोई भी सौगात न ला पाना आश्चर्य का ही विषय है। कमल नाथ पूर्व में वन एवं पर्यावरण मंत्री, वस्त्र मंत्री और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री रह चुके है। इन तीनों ही विभागों से सिवनी जिले की झोली में एक भी चीज नहीं आई है।
हाल ही में कमल नाथ शहरी विकास मंत्री हैं इस नाते भी सिवनी जिले को कुछ भी नहीं मिल पाया है। हाल ही में कमल नाथ ने अर्बन इंफ्रास्टक्चर डेवलपमेंट स्कीम फॉर स्मॉल एण्ड मीडियम टाउन योजना (यूआईडीएसएसएमटी) के तहत प्रदेश के दस शहरों के लिए 125 करोड़ रूपए की राशि की घोषणा की है।
इस राशि से छिंदवाड़ा जिले के छिंदवाड़ा शहर, डोंगर परासिया, पिपला नाराणवार, सौंसर, चौरई, पांढुर्णा बैतूल जिले के जिला मुख्यालय, सागर के ख्ुारई, देवास जिले के जिला मुख्यालय एवं होशंगाबाद के पिपरिया शहर में पेयजल मुहैया करवाया जाएगा। यह राशि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ द्वारा मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन मंत्री बाबूलाल गौर के आग्रह पर जारी की है।
बाबूलाल गौर भी कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र जिला छिंदवाड़ा का विशेष ध्यान रख रहे हैं। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि भाजपा के मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के बीच इस जुगलबंदी का आखिर राज क्या है? आखिर क्या वजह है कि बाबूलाल गौर के हर आग्रह पर कमल नाथ अपनी अंटी खोलकर रख देते हैं। इसके पहले भी गौर ने लगभग एक हजार करोड़ रूपयों की सौगात केंद्र से लेकर आई थी।
बहरहाल, कमल नाथ जब केंद्र में भूतल परिवहन मंत्री थे, तब अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल की अति महात्वाकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे में सिवनी जिले के हिस्से में पेंच नेशनल पार्क का पेंच फसा दिया गया था, जो अब तक नहीं निकाला जा सका है। इस सड़क को कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा होकर ले जाने का षणयंत्र करने का आरोप उन पर लगाया जा रहा है। छिंदवाड़ा से अगर यह सड़क गुजरी तो यह सतपुड़ा, पेंच और मेलघाट वन्य जीव अभ्यरण को दो बार काटती हुई गुजरेगी, जिस मामले में पर्यावरण विभाग मौन है।
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